निगम प्रशासन की लापरवाही से नर्स की मौत:खुली नाली खोदकर छोड़ा, सड़क दुर्घटना में गई जान, दो बच्चियों के सिर से उठा मां का साया…!!

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दुर्ग जिलामुख्यालय में बीती देर शाम सड़क दुर्घटना में जिला अस्पताल में पदस्थ नर्स संध्या यादव की मौत हो गई। दुर्घटना का कारण नगर निगम प्रशासन द्वारा नाली और गड्ढा खोदने के बाद सुरक्षा के इंतजाम ना करना बताया जा रहा है। नर्स की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

संध्या यादव के पति सुरेश यादव ने बताया कि वो जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर में नर्स के पद पर पदस्थ थीं। वो सिविल लाइन दुर्ग में शासकीय आवास में अपने पति और दो छोटी बच्चियों के साथ रहती थीं। शनिवार 30 नवंबर की शाम वो ड्यूटी खत्म होने के बाद स्कूटी से घर गई। इसके बाद घर से बच्चों के लिए स्वेटर लेने खालसा स्कूल के पास तिब्बती मार्केट गई थीं। जब वो स्वेटर लेकर आईं तो बच्चों को उसका कलर पसंद नहीं आया।

इसके बाद संध्या यादव घर की नौकरानी को लेकर फिर से स्कूटी लेकर स्वेटर बदलने गई थीं। वहां से स्वेटर बदलकर दोनो आरटीओ से जेल रोड होते हुए अपने घर के लिए जा रही थीं। करीब शाम 7.30 बजे वो जैसे ही दुर्ग आरटीओ कार्यालय से पहले और खालसा स्कूल के सामने पहुंची, वहां पाइप लाइन फूटी थी और निगम के लोगों ने वहां गड्ढा खोदकर छोड़ दिया था।

गड्ढा खोदने के बाद वहां कोई सुरक्षा के उपाये नहीं किए गए थे। लगातार पानी का रिसाव होने से वहां काफी कीचड़ हो गया। संध्या जैसे ही वहां से निकली उनकी गाड़ी का पहिया स्लीप कर गया और वो स्किट करके गिर गईं। नौकरी गड्ढे की तरफ गिरी तो वो बच गई, लेकिन संध्या सड़क की तरफ गिरी और उसी दौरान उनके ऊपर से एक बाइक गुजर गई।

उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इंटरनल ब्लीडिंग होने से उनकी मौत हो गई। दुर्ग पुलिस मामला दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। नर्स की मौत के बाद से परिजनों उनकी बड़ी बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है।

पति भी फिसल कर गिरे

सुरेश यादव ने बताया कि उनकी पत्नी की मौत निगम प्रशासन की लापरवाही की वजह से हुई है। उन्होंने नाली खोदकर छोड़ दी। वहीं पर पाइप लाइन का गड्ढा खोदकर छोड़ दिया, लेकिन वहां सुरक्षा घेरा नहीं तैयार किया। उन्होंने कहा वहां इतनी अधिक फिसलन थी कि जब उन्हें पता चला की उनकी पत्नी का एक्सीडेंट हो गया और वो बाइक से पहुंचे तो वो भी उसी जगह पर स्लीप होकर गिए गए।

छोटी घटना से अंजान और बड़ी बेटी का रो-रोकर हाल बेहाल

संध्या यादव की दो बेटिया हैं छोटी बेटी 18 महीने की सानवी और बड़ी बेटी स्वधा 11 साल की है। सानवी मां की मौत से अंजान है, लेकिन बड़ी बेटी स्वधा का रो-रोकर हाल बेहाल है। वो किसी से नहीं मिल रही है। वह बस यही कह रही है कि “मम्मा मिस यू… मम्मा आई लव यू”

पीएम के बाद हुआ अंतिम संस्कार

दुर्घटना के बाद रविवार सुबह संध्या के शव का पोस्टमार्टम दुर्ग मरचुरी में हुआ। इसके बाद शव को घर लाया गया। यहां से उन्हें मुक्तिधाम अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। इस दौरान परिजनों का रो-रोकर हाल बेहाल रहा।

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