छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नगर निगम के ड्राइवर्स ने अचानक हड़ताल कर दी, जिससे सफाई और जल आपूर्ति सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। बुधवार सुबह ड्राइवर्स संगठन ने काम बंद करने की घोषणा की और टिकरापारा स्थित मोटर व्हीकल यार्ड में प्रदर्शन शुरू कर दिया। सभी प्रदर्शनकारी वेतन में कटौती और ठेका प्रथा को समाप्त करने जैसी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं। नगर निगम के अधिकारी ड्राइवर्स को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है।
ड्राइवर्स की प्रमुख मांगें
ड्राइवर महासंघ ने अपनी तीन मुख्य मांगें सामने रखी हैं। इनमें ठेका प्रथा समाप्त करना, कर्मचारियों को सीधे वेतन देना और लंबे समय से कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना शामिल है। ड्राइवर्स का आरोप है कि ठेकेदार उनके वेतन का बड़ा हिस्सा, लगभग 4 हजार रुपए, हड़प लेते हैं। उनका कहना है कि सरकार को जल संसाधन, PWD, और PHE विभाग की तर्ज पर उन्हें सीधे वेतन देना चाहिए।
शहर में सेवाएं ठप
हड़ताल से रायपुर के 70 वार्डों में सफाई और जल आपूर्ति सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है। कचरा कलेक्शन, स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस और जल आपूर्ति से जुड़ी गाड़ियां यार्ड में खड़ी हैं। ड्राइवर्स के बिना ये सेवाएं पूरी तरह बंद हो गई हैं। 1000 से अधिक ड्राइवर्स के इस आंदोलन का असर पूरे प्रदेश में फैलने की संभावना है, क्योंकि अन्य जिलों के ड्राइवर्स को भी हड़ताल में शामिल होने की अपील की जा रही है।
चुनाव से पहले दबाव बनाने की रणनीति
ड्राइवर महासंघ ने इस समय को रणनीतिक रूप से चुना है, क्योंकि राज्य में जनवरी-फरवरी में नगरीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। चुनावी माहौल के बीच सरकार पर दबाव बनाने के लिए हड़ताल को सही समय माना गया है।
नगर निगम की तैयारी अधूरी
अभी तक नगर निगम प्रशासन ने हड़ताल का कोई वैकल्पिक समाधान नहीं निकाला है। अधिकारी, कमिश्नर अबिनाश मिश्रा के साथ चर्चा कर रहे हैं, लेकिन प्रदर्शनकारियों को काम पर लौटाने में सफलता नहीं मिल पाई है। हड़ताल के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जल्द समाधान की कोशिशें जारी हैं।