प्रदेश सरकार ने 5वीं और 8वीं कक्षा की परीक्षा को केंद्रीयकृत करने का फैसला लिया है, जिसे मार्च 2025 से लागू किया जाएगा। इस नए पैटर्न के तहत, परीक्षा का ढांचा लगभग बोर्ड परीक्षा जैसा होगा, और इसमें कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यदि छात्र 5वीं या 8वीं कक्षा में फेल होते हैं, तो उन्हें सप्लीमेंट्री परीक्षा दी जाएगी।
इस बदलाव का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है, क्योंकि पहले की व्यवस्था के तहत 8वीं कक्षा तक छात्रों को फेल नहीं किया जाता था, जिससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ रहा था। लोक शिक्षण संचालनालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों और कलेक्टरों को तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा, शिक्षा सुधार के तहत कक्षा 4 और 7 की वार्षिक परीक्षा के मूल्यांकन को अन्य स्कूलों में कराया जाएगा, ताकि छात्रों की शैक्षिक स्थिति को बेहतर तरीके से समझा जा सके। इस नई प्रणाली के तहत, सभी सरकारी और निजी स्कूलों में केंद्रीयकृत परीक्षा लागू होगी, हालांकि सीबीएसई और आईसीएसई स्कूल इससे अलग होंगे।
शिक्षा विभाग ने इसे लागू करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें विशेषज्ञों से प्रश्नपत्र तैयार कराना और परीक्षा की गोपनीयता बनाए रखना शामिल है।