वॉरेन बफे के राइट हैंड चार्ली मंगर का 99 के उम्र में निधन; फेरारी के लिए नहीं बल्कि आजादी के लिए बने अमीर…!

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दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टर वॉरेन बफे के राइट हैंड कहे जाने वाले बिलेनियर चार्ली मंगर का मंगलवार को निधन हो गया। वह 99 साल के थे। बफे की इन्वेस्टमेंट फर्म बर्कशायर हैथवे ने बताया कि कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में एक अस्पताल में उनका निधन हुआ है।

वॉरेन बफे का राइट हैंड बनने से पहले ही चार्ली का वेल एस्टैबलिश्ड लॉ करियर था। बर्कशायर हैथवे में वो वाइस चेयरमैन थे। उनका लॉस एंजिल्स में घर था। फोर्ब्स की 2023 की लिस्ट के अनुसार उनकी नेटवर्थ 2.6 बिलियन डॉलर, यानी करीब 21.6 हजार करोड़ रुपए थी।

चार्ली मंगर और वॉरेन बफे 2015 में ओमाहा में बर्कशायर हैथवे की शेयरहोल्डर मीटिंग में बड़ी स्क्रीन पर दिखाई दिए।

ओमाहा में जन्मे चार्ली, रियल एस्टेट से पहला मिलियन डॉलर कमाया
चार्ली का जन्म ओमाहा में 1 जनवरी 1924 को अल्फ्रेड और फ्लोरेंस मंगर के घर हुआ था। उन्होंने सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान सेना में रहते हुए मौसम विज्ञान की पढ़ाई की और हार्वर्ड लॉ स्कूल से ग्रेजुएशन किया। सेना में बिताया समय उन्हें कैलिफोर्निया ले गया, जहां उन्होंने अपना घर बनाया। लॉ प्रैक्टिस और रियल एस्टेट निवेश से उन्होंने अपना पहला मिलियन डॉलर कमाया।

अमीर बनना था, फेरारी के लिए नहीं बल्कि आजादी के लिए
चार्ली को जब पहली बार फोर्ब्स की बिलेनियर लिस्ट में शामिल किया गया था, तो उन्होंने बताया था कि वो वॉरेन बफे के साथ लंबे समय से जुड़े हैं। वहीं चार्ली ने साल 2000 में अपनी बायोग्राफी डेमन राइट में बताया था कि वॉरेन की तरह उनमें भी अमीर बनने का काफी जुनून था। इसलिए नहीं कि उन्हें फेरारी चाहिए थी, बल्कि वे आजादी चाहते थे। वे इसे शिद्दत से चाहते थे।

हेंज केचप और मस्टर्ड की बोतलें जिनमें वॉरेन बफे और चार्ली मंगर के कैरिकेचर हैं। दोनों की पहली मुलाकात 1959 में हुई थी।

1959 में वॉरेन बफे से मिले, एक कपल ने डिनर पर मिलवाया
दोनों पॉपुलर इन्वेस्टर 1959 तक नहीं मिले थे, भले ही वे एक ही शहर में पले-बढ़े। 1930 के दशक में चार्ली ने बफे एंड सन ग्रॉसरी स्टोर में काम जरूर किया था। 1959 में बफे इन्वेस्टमेंट पार्टनरशिप पर एक परिवार को पिच कर रहे थे, लेकिन अपनी पिच से वो कपल को अट्रैक्ट नहीं कर पा रहे थे। आखिरकर उन्हें $100,000 का चेक मिल गया।

परिवार ने कहा कि निवेश का फैसला उन्होंने इसलिए लिया क्योंकि बफे ने उन्हें चार्ली की याद दिलाई। इसके बाद कपल के बच्चों ने बफे और चार्ली दोनों के लिए डिनर का आयोजन किया। ये समय काफी अहम था, क्योंकि बफे के गुरु ग्राहम, हाल ही में रिटायर हुए थे और बफे को एक नए पार्टनर की जरूरत थी, जिसके साथ वो इन्वेस्टमेंट आइडियाज पर चर्चा कर सकें।

स्टॉक टिप्स शेयर करते थे, लेकिन निवेश अलग-अलग फर्मो में
चार्ली उन्हें अच्छे सेंस ऑफ ह्यूमर वाले व्यक्ति लगे। शुरुआत में उन्होंने स्टॉक टिप्स का आदान-प्रदान किया, लेकिन दोनों ने अपनी अलग-अलग फर्मों के लिए अपना निवेश किया। उनकी पार्टनरशिप अनौपचारिक थी। 1978 तक, चार्ली बर्कशायर बोर्ड में बफे के साथ शामिल हो गए।

इन्वेस्टमेंट अप्रोच बदली, 1,000 डॉलर के निवेश को 10 मिलियन डॉलर बनाया
वॉरेन बफे चार्ली को बर्कशायर हैथवे की इन्वेस्टमेंट अप्रोच का ओरिजिनेटर बताते हैं। बफे ने एक बार एनुअल रिपोर्ट में लिखा था- चार्ली ने मुझे जो ब्लू प्रिंट दिया वह सिंपल था: वंडरफुल प्राइसेस पर फेयर बिजनेस खरीदने के बारे में आप जो जानते हैं उसे भूल जाइए; इसके बजाय, फेयर प्राइसेस पर वंडरफुल बिजनेस खरीदें।

अप्रोच में आए इस शिफ्ट ने बर्कशायर को आउटस्टैंडिंग रिजल्ट दिए। बर्कशायर ने 1964 के बाद से लगभग 3.8 मिलियन परसेंट गेन किया, जबकि इस दौरान S&P 500 ने लगभग 24,000 परसेंट का रिटर्न दिया। 1964 में बर्कशायर में किए गए 1,000 डॉलर के निवेश का मूल्य आज 10 मिलियन डॉलर से अधिक है। आज के हिसाब से इसे रुपए में देखें तो 83,000 रुपए का निवेश 83 करोड़ रुपए हो चुका है।

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