अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में जुलाई 2024 में हुई दो मौतों के मामले में चिकित्सकों और स्टाफ नर्सों की लापरवाही को लेकर जांच की गई। इस जांच के बाद सरगुजा कमिश्नर जीआर चुरेंद्र ने दोषी डॉक्टरों और नर्सों के खिलाफ सजा निर्धारित की। कमिश्नर ने अस्पताल के सीएस डॉ. जेके रेलवानी, संयुक्त संचालक डॉ. रमेश चंद्र आर्या, एसीएस डॉ. संटु बाघ और डॉ. जीके दामले के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक को पत्र भेजा है।
इस मामले में पहली मौत सूरजपुर जिले के रामचंद्र ठाकुर की हुई, जब मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी के कारण उनका इलाज ठीक से नहीं हो सका। दूसरी घटना में शांति मरावी की डायरिया के कारण मृत्यु हुई, जब डॉक्टरों ने उसे उचित इलाज नहीं दिया। दोनों मामलों में चिकित्सकों और नर्सों की लापरवाही को मौतों का मुख्य कारण माना गया। जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि अस्पताल में चिकित्सकों और स्टाफ की मनमानी तथा व्यवस्था की कमी के कारण ये घटनाएँ हुईं।
कमिश्नर ने इस प्रकरण में डॉक्टरों और नर्सों के प्रशिक्षण अवधि को बढ़ाने का आदेश दिया, वहीं अस्पताल के प्रबंधन और कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासनिक नियंत्रण की कमी के कारण जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की अनुशंसा की।