अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने आज शनिवार को फतेहगढ़ साहिब में सजा के तहत सेवा की। यह सेवा गोल्डन टेम्पल और श्री केशगढ़ साहिब में 2-2 दिन की सजा पूरी करने के बाद की जा रही है। सुखबीर बादल को कुल 13 दिन की सजा भुगतनी है। 4 दिसंबर को गोल्डन टेम्पल पर हुए हमले के बाद अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) सक्रिय हो गई है। आज, SGPC के सदस्यों ने आतंकी नारायण सिंह चौड़ा को पंथ से निकालने की मांग की, जिनके खिलाफ 4 दिसंबर को गोल्डन टेम्पल पर गोलीबारी का आरोप है।
इस मुद्दे पर SGPC की अंतरिम कमेटी ने श्री अकाल तख्त के कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में चौड़ा को पंथ से बाहर करने की मांग की गई। SGPC के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने 9 दिसंबर को बैठक बुलाई है, जिसमें सुखबीर बादल पर हमले पर चर्चा होगी।
फतेहगढ़ साहिब में सुखबीर बादल की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी, उन्हें चारों ओर से घेर लिया गया और संगत को उनके पास जाने की अनुमति नहीं थी। एक घंटे तक सेवादार का चोला पहनकर और बरछा हाथ में लेकर, सुखबीर बादल ने कीर्तन सुने और बर्तन भी साफ किए। अपनी सजा के दौरान उन्होंने तख्त श्री दमदमा साहिब और श्री मुक्तसर साहिब में भी सेवा करनी है, और यह सजा 13 अप्रैल को पूरी होगी।
इसके अलावा, सुखबीर बादल और अन्य नेताओं द्वारा दिए गए इस्तीफों को मंजूरी देने में देरी पर बागी गुट ने नाराजगी जताई है, और इसे श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का उल्लंघन बताया है। वहीं, नारायण चौड़ा की पगड़ी उतारे जाने पर भी विवाद छिड़ गया है। जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, तो अकाली दल समर्थकों ने उनकी पगड़ी उतार दी, जिस पर चौड़ा के परिवार और अकाली दल के विरोधियों ने विरोध जताया।