सेन्ट्रल डेपुटेशन से IAS सुबोध सिंह की छत्तीसगढ़ वापसी होने वाली है। केन्द्र सरकार के DoPT यानी डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने सुबोध सिंह की छत्तीसगढ़ वापसी को हरी झंडी दी है। पिछले 5 सालों से सिंह डेपुटेशन पर दिल्ली में काम कर रहे थे। वे NEET-UG पेपर लीक के बाद NTA से हटाए गए थे।
सीनियरिटी के अनुसार सुबोध सिंह प्रिसिंपल सेक्रेटरी के तौर पर छत्तीसगढ़ आएंगे। राज्य सरकार की तरफ से उनकी वापसी की मांग की गई थी। माना जा रहा है इसी महीने के अंत तक वे छत्तीसगढ़ आ सकते हैं।
सुबोध सिंह स्टील मिनिस्ट्री में एडिशनल सेक्रेटरी और वित्तीय सलाहकार के तौर पर इस समय काम कर रहे हैं।
रमन सरकार की ब्यूरोक्रेसी में भी बड़ी भूमिका
सुबोध कुमार सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1997 बैच के अधिकारी हैं और अपने करियर में रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के कई जिलों में कलेक्टर के तौर पर कार्य कर चुके हैं। डॉ. रमन सिंह के तीसरे कार्यकाल के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय में सचिव के रूप में अहम जिम्मेदारी निभाई थी। रमन सरकार के समय सुबोध सिंह उनके करीबी अफसरों में गिने जाते थे। छत्तीसगढ़ में रहते हुए उनकी छवि निर्विवाद अधिकारी के रूप में रही।
सरकार बदलने के बाद डेपुटेशन पर चले गए थे सुबोध सिंह
साल 2018 में जब प्रदेश में कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार तब कई अफसर रमन सरकार के विश्वस्त मान लिए गए थे। कई IAS और IPS अधिकारी डेपुटेशन पर दिल्ली चले गए। इनमें सुबोध सिंह भी शामिल थे। दिल्ली में केन्द्र सरकार ने उन्हें जनवरी 2020 में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में संयुक्त सचिव बनाया। इसके बाद जून साल 2023 में उन्हें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का महानिदेशक बनाया गया।
- IAS सुबोध सिंह कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
छत्तीसगढ़ वापस लौटने वाले IAS अफसर
- – ऋचा शर्मा
- – सोनमणि बोरा
- – अविनाश चंपावत
- – ऋतु सेन
- – अमित कटारिया
- – रोहित यादव
- – रजत कुमार
NEET-UG पेपर लीक के बाद हटाए गए
इसी साल NEET-UG पेपर लीक मामला सामने आने के बाद इस पर केन्द्र सरकार ने 22 जून को NTA के तत्कालीन डायरेक्टर जनरल सुबोध सिंह को हटा दिया गया था। हालांकि इसे सरकार के डैमेज कंट्रोल के तौर पर देखा गया।
इसके बाद केंद्र सरकार ने ही उन्हें स्टील मिनिस्ट्री में हाल में एडिशनल सेक्रेटरी बनाया था। यह फेरबदल 26 अक्टूबर को किया गया था। उन्हें स्टील मिनिस्ट्री में ही वित्तीय सलाहकार भी नियुक्त किया गया था।