SBI कर्मचारियों ने डिजिटल अरेस्ट महिला के 45 लाख बचाए : भिलाई में FD तुड़वाने आई थी बैंक; ठगों ने कहा-अश्लील फोटो-VIDEO अपलोड कर रही हो…!!

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भिलाई में SBI कर्मचारियों की सतर्कता से ना सिर्फ महिला डिजिटल अरेस्ट से बची, बल्कि उसके 45 लाख रुपए भी बच गए। बताया जा रहा है कि रिसाली क्षेत्र की एक विधवा महिला और उसका 22 साल का बेटा अपने घर में एक साथ डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए थे। ठगों ने महिला को जमकर डराया- धमकाया। ठगों ने कहा कि उसने सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो और वीडियो अपलोड कर दिए हैं। उसे जेल जाने से बचाने के लिए लाखों रुपये में सौदा किया। SBI के रिसाली ब्रांच के मैनेजर विनीत नायर ने बताया कि ये घटना 19 दिसंबर की है। उनके बैंक की एक ग्राहक बैंक में अपनी 35 लाख की FD को तुड़वाने आई थीं।

ब्रांच मैनेजर ने कहा-

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50 साल की वो महिला काफी परेशान थी और लगातार किसी से वीडियो कॉल में टच पर थी। महिला ने अपने सेविंग और एफडी के पैसे मिलाकर कुल 45 लाख रुपए दूसरे बैंक में ट्रांसफर करने के लिए RTGS फॉर्म भरा।

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असम के किसी अकाउंट में भेज रही थी पैसे

बैंक के अधिकारियों ने देखा कि महिला एक साथ इतना बड़ा अमाउंट किसी शिदामोन एंड बाइयामोन के करंट अकाउंट में भेज रही है। यह अकाउंट ICICI बैंक का था, जो कि असम के सिलचर यूकेडी रोड का था। ऐसे में बैंक की ग्राहक सेवा अधिकारी विनीता साहू ने महिला से पूछताछ की।

बैंक के अधिकारियों ने महिला को अलग-अलग बहाने से करीब 2-3 घंटे तक रोककर रखा। इसके बाद बैंक की सहायक प्रबंधक चंदा यादव और ब्रांच मैनेजर विनीत नायर ने महिला की काउंसिलिंग की। उन्हें समझाया और विश्वास में लेकर बताया कि उनके साथ फ्रॉड हो रहा है। तब जाकर महिला समझी और रुपए नहीं भेजे।

इसके बाद बैंक के अधिकारियों ने फिर से महिला के पैसों की FD की और उन्हें घर भेजा। महिला ने बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों का धन्यवाद दिया कि उसे इतनी बड़ी ठगी का शिकार होने से उन्होंने बचा लिया।

अंजान कॉल आने पर तुरंत करें पुलिस या ब्रांच में संपर्क

बैंक मैनेजर विनीत नायर ने लोगों से अपील की है कि सरकार डिजिटल अरेस्ट से लोगों को बचाने के लिए कॉलर ट्यून में भी जागरूकता वाले मैसेज दे रही है। साथ ही लोगों को इसके प्रति अवेयर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अगर आपके पास कोई अनजान कॉल आए और कोई आपको धमकाए या आपका ओटीपी मांगे तो उसे बिल्कुल न बताएं। ऐसा होने पर आप सीधे नजदीकी पुलिस स्टेशन या अपनी शाखा से संपर्क करें।

वीडियो कॉल के दौरान दूसरे नंबर से भेजा अपना अकाउंट डिटेल

फ्रॉड ने महिला को 8018640960 से पहले वीडियो कॉल किया। इसके बाद जब महिला डिजिटल अरेस्ट हो गई। डर से पैसे देने के लिए तैयार हो गई तो उसने 7205687422 से वॉट्सऐप मैसेज भेजा। उसमें अकाउंट डिटेल दिया, जिसमें उसने महिला से पैसे मंगवाए थे।

कैमरे के सामने बैठाकर करते हैं अरेस्ट

साइबर एक्सपर्ट के अनुसार, डिजिटल अरेस्ट या ऑनलाइन कैद का मतलब किसी तरह कानूनी गिरफ्तारी से नहीं है। इसका मतलब होता है कि साइबर क्रिमिनल फ्रॉड करने के लिए वीडियो कॉल और कैमरे के जरिए सामने वाले पर नजर रखते हैं। किसी झूठे केस में फंसाने की धमकी देते हुए डरा-धमकाकर ब्लैकमेलिंग करते हुए पैसे ऐंठते हैं।

इस दौरान वे मोबाइल कैमरे का एक्सेस लेकर या स्काइप कॉल से जोड़कर आप पर पैसे ट्रांसफर करने तक नजर रखते हैं। मोबाइल बंद नहीं करने देते हैं और अपनी हर बात मनवाते रहते हैं। इसे ही डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।

तीन स्टेप उठाकर ठगी से बचें

  • एसएसपी संतोष सिंह के मुताबिक- डिजिटल अरेस्ट में फ्रॉड से बचने के लिए तीन स्टेप फॉलो करना चाहिए।
  • अनजान नंबर से कॉल या वीडियो कॉल रिसीव करने पर धमकी-डराने या केस में फंसाने की बात से नहीं डरें। कॉल काट दें। नंबर ब्लॉक करें।
  • ऐसे कॉल या धमकी आने पर तत्काल किसी को बताएं। इससे आपका स्ट्रेस और डर कम हो जाएगा।
  • आपने गलती नहीं की है। फर्जी कॉल की पुलिस को सूचना दें।

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