टर्नओवर 50 करोड़ से कम, टैक्स चोरी 500 करोड़ की : आयकर छापेमारी में खुलासा; IAS और कारोबारी का कनेक्शन भी सामने आया…!!

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भोपाल में 18 दिसंबर को तीन बिल्डरों और उनके सहयोगियों के यहां हुई आयकर विभाग की छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ है। त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के राजेश शर्मा और छापे के जद में आए बिल्डरों के मामले में सामने आया है कि इनकी कंपनियों का सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपए से कम है, लेकिन उन्होंने 500 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी की है। इधर, रायपुर (छत्तीसगढ़) के कारोबारी महेंद्र गोयनका का इन्वॉल्वमेंट उजागर हुआ है। गोयनका के मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारियों के साथ संबंधों का भी खुलासा हुआ है।

आयकर विभाग को छापेमारी के दौरान ग्वालियर में पदस्थ एक आईएएस अधिकारी से महेंद्र गोयनका के करीबी रिश्तों के सबूत मिले हैं। विभाग को आशंका है कि भोपाल में जमीन की खरीद-फरोख्त में यह अधिकारी कारोबारी की मदद करता रहा है। इसलिए उसकी भूमिका की जांच की जाएगी ।

छापा कार्रवाई के बाद जब्त दस्तावेजों की पड़ताल त्रिशूल कंस्ट्रक्शन, ईशान और क्वॉलिटी ग्रुप के खिलाफ छापे की कार्रवाई के बाद आयकर विभाग अब इनके यहां से जब्त दस्तावेजों की पड़ताल कर रहा है। इन दस्तावेजों की पड़ताल के साथ मोबाइल और अन्य लिंक के आधार पर भी टैक्स चोरी से संबंधित नामों की लिंक निकाली जा रही है।

विभाग का मानना है कि 50 करोड़ के कुल टर्नओवर वाले इस छापे में 10 गुना टैक्स चोरी सामने आ सकती है। यह बात भी सामने आई है कि 52 ठिकानों पर शुरू हुई छापेमारी अंतिम दौर में 56 ठिकानों तक पहुंच गई थी।

कंपनी के कर्मचारियों के नाम पर ली करोड़ों की जमीन आयकर की जांच में पता चला है कि कई लोग ऐसे हैं जिन्हें पता ही नहीं है कि संपत्ति उनके नाम हैं, वे सिर्फ हस्ताक्षर करते थे। इनमें से अधिकतर इन कंस्ट्रक्शन कंपनी, रियल एस्टेट कारोबारियो के यहां कर्मचारी हैं।

राजेश की टीम, दबाव बनाकर लोगों से जमीन बिकवाती थी कारोबारी, ब्यूरोकेट्स, फिल्मी दुनिया से जुड़े लोगों को बेनामी संपत्ति दिलवाने व ब्लैक मनी को ठिकाने लगाने के लिए राजेश शर्मा ने टीम बना रखी थी। इसमें रियल एस्टेट से जुड़े कारोबारियों के साथ छोटे-बड़े प्रॉपटी डीलर, स्थानीय रसूखदार भी थे। एक टीम तो राजनीतिक, प्रशासनिक दबाव के जरिए लोगों को जमीन बेचने को मजबूर करती थी।

ड्राइवर-कर्मचारियों को भी जारी करेंगे नोटिस आयकर विभाग की ओर से बिल्डर्स, प्रमोटर्स और कंपनियों के मालिकों और इनके परिजन के साथ अब इनके यहां काम करने वालों को भी नोटिस जारी कर तलब किया जाएगा। सबसे पहले त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के राजेश शर्मा के ड्राइवर, अकाउंटेंट और अन्य कर्मचारियों को नोटिस देकर उनसे आय के बारे में जानकारी ली जाएगी।

उधर छापे के दौरान चड्डी-बनियान में घर से भागने वाले राजेश शर्मा के डमी कर्मचारी विश्वनाथ साहू के बारे में आयकर विभाग को जानकारी मिल गई है। पता चला है कि उसकी टांग टूटी है और वह अस्पताल में भर्ती है।

सेंट्रल पार्क आयकर विभाग की जांच के दायरे में आयकर छापे में जो जानकारियां सामने आई हैं, उसमें सूरजनगर के पास बनाए जा रहे सेंट्रल पार्क पर भी अफसरों की नजर है। यहां ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं का इन्वेस्टमेंट है। खास बात यह है कि ग्रीन बेल्ट एरिया होने के बाद भी यहां कंस्ट्रक्शन हो रहा है।

बताया गया है कि सेंट्रल पार्क के मालिक प्रदीप अग्रवाल अकेले ही करीब एक एकड़ में कंस्ट्रक्शन करा रहे हैं। इसकी परमिशन किस आधार पर दी गई है, इस पर भी सवाल उठने लगे हैं।

राजेश शर्मा के डमी कर्मचारी को भुसावल से पकड़ा आयकर अधिकारियों ने महाराष्ट्र के भुसावल से राजेश शर्मा के डमी कर्मचारी सतीश चौधरी को पकड़कर पूरे मामले में उसके बयान ले लिए हैं। बताया जा रहा है कि सतीश ने कहा है कि वह कुछ नहीं जानता। राजेश शर्मा उससे जहां साइन कराते थे, वह कर देता था। दूसरी ओर ये पता चला है कि सतीश निसर्ग और अन्य प्रोजेक्ट में राजेश शर्मा के नाम पर ऑथराइज्ड सिग्नेचर के रूप में काम कर रहा था।

डायरी में मिले अधिकतर नंबर अब बंद सूत्रों के मुताबिक, काली कमाई को आला अफसरों ने सोने की शक्ल में सौरभ के पास सुरक्षित रखा था। कार से जब्त डायरी में मिले परिवहन विभाग के अफसरों, आरटीओ के नंबरों की जांच करने पर पता चला कि इनमें से अधिकतर ने फोन बंद कर रखे हैं। इन सभी का डिटेल कॉल रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। बता दें, कार से 54 किलो सोना, 10 करोड़ नकदी के अलावा एक डायरी मिली थी।

इधर, सोने को ऑटो से ले जाने की तैयारी थी काली कमाई से करोड़पति बने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा पर आयकर, लोकायुक्त पुलिस प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद डीआरआई ने भी शिकंजा कसा है। आयकर विभाग को आशंका है कि मेंडोरी में लावारिस कार से बरामद 54 किलो सोने में से अधिकतर विदेश से मंगाया गया है। ऐसे में डायरेक्ट्रोरेट ऑफ रिवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरई) भी जांच करेगा। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग की टीम नहीं पहुंचती तो सोने को ऑटो से ले जाने की तैयारी थी।

गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात जब आयकर टीम पहुंची तो एक घंटे तक कार्रवाई को लेकर असमंजस रहा। वहां दो से 3 निजी वाहन और हरे रंग का लोडिंग ऑटो भी था। आशंका है कि काली कमाई पकड़ाए जाने की डर से वहां मौजूद कुछ लोग लोडिंग ऑटो या अन्य वाहन से सोना व नकदी ले जाने की तैयारी में थे। बता दें, आयकर विभाग को गुरुवार रात 12:30 बजे सूचना मिली थी। वहीं, पुलिस को साढ़े 4 बजे कार के बारे में बताया गया था। इसके बाद से यहां पुलिसकर्मियों की मौजूदगी बनी रही।

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