मोवा ओवरब्रिज की गड़बड़ी की खबर पर पीडब्ल्यूडी मंत्री अरूण साव ने लोगों के सामने ही अफसरों और ठेकेदार को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (ईई) से यहां तक पूछा कि कभी ओवरब्रिज बनवाए हो या नहीं। दैनिक भास्कर में खबर प्रकाशित होने के बाद मंत्री शुक्रवार शाम मोवा ओवरब्रिज का निरीक्षण करने पहुंचे।
उन्होंने मौके पर ही जांच टीम का गठन कर दिया। इसकी जांच मुख्य अभियंता करेंगे। जांच रिपोर्ट तीन दिन के भीतर सौंपनी है। रिपोर्ट में जिन अफसरों की लापरवाही सामने आएगी, उस पर कठोर कार्रवाई होगी। पीडब्ल्यूडी ने मोवा-सड्डू की तरफ से आने वाली लेन से आवाजाही शुक्रवार से ही बंद कर दिया है। विधानसभा की तरफ से आने वालों को अंडरब्रिज से होकर आना-जाना करना पड़ रहा है। ओवरब्रिज का डामरीकरण दोबारा होने के बाद इसे खोला जाएगा।
भास्कर लाइव- क्वालिटी बहुत खराब है, कितने दिन टिकती
शुक्रवार को शाम 4.38 बजे हैं। मोवा ओवरब्रिज पर पीडब्ल्यूडी सचिव कमलप्रीत सिंह, ईएनसी केके पिपरी और अफसरों की टीम मौजूद है। तभी शाम 4.45 बजे ओवरब्रिज पर पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साय पहुंच गए। गाड़ी से उतरते ही ईई को बुलाया। फाइल लेकर ईई मंत्री के पास पहुंचे। गुस्से में मंत्री ने उनसे पूछा- ओवरब्रिज का काम आता है कि नहीं? ओवरब्रिज का काम कभी करवाया है या नहीं? ओवरब्रिज को कितने दिन के लिए बना रहे थे? सीनियर होकर ऐसा काम करते हो? एसडीओ और सब इंजीनियर क्या सीखेंगे? क्वालिटी बहुत घटिया है? कितने दिन तक टिकती? ठेकेदार को पेमेंट नहीं करना है। यदि ठेकेदार को पेमेंट हुआ तो अफसर के वेतन से काटा जाएगा।
हाथ जोड़कर माफी मांगता रहा ठेकेदार
मंत्री ने पूछा-ठेकेदार कौन है? तभी अफसरों ने पप्पी जाधवानी को आगे किया। मंत्री ने चिल्लाते हुए कहा- ऐसे ही काम करते हो क्या? डामर का टेम्प्रेचर कम है या ज्यादा, कौन चेक करता है? शहर के प्राइम लोकेशन के काम में ऐसी लापरवाही? मटेरियल की जांच कौन करता है? ठेकेदार ने जबाव दिया कि रात के चलते गड़बड़ी हो गई। तुरंत मंत्री ने कहा- रात-दिन का बहाना नहीं चलेगा। जवाबदारी तुम्हारी है। ठेकेदार ने हाथ जोड़ते हुए माफी मांगी और कहा, सर दोबारा डामरीकरण ठीक से कर दूंगा? मंत्री ने फिर डांटते हुए कहा- एहसान नहीं करोगे दोबारा ठीक करके।