रायपुर शहर के सांई नगर क्षेत्र में सोमवार को एक चौंकाने वाली घटना हुई, जिसमें एक आठ वर्षीय बच्ची अंजलि सेन को आवारा कुत्ते ने दौड़ाकर काट लिया। यह घटना तब हुई जब अंजलि घर से बाहर अपने नाना द्वारा दिए गए पैसे लेकर पास की एक दुकान पर सामान खरीदने गई थी। इस दौरान, पास में खड़ा एक आवारा कुत्ता अचानक बच्ची पर हमला कर बैठा। हालांकि, आसपास के लोगों ने तुरंत दौड़कर बच्ची को बचा लिया और कुत्ते से उसे दूर किया, जिससे वह ज्यादा घायल नहीं हुई।
कैसे हुआ हमला?
अंजलि की मां, सरस्वती ध्रुव ने बताया कि उनकी बेटी के नाना उनके घर पर आए हुए थे और उन्होंने अंजलि को कुछ पैसे दिए थे। इन पैसों को लेकर अंजलि पास की महाराजा दुकान पर कुछ खाने का सामान लेने गई थी। दुकान के पास एक आवारा कुत्ता खड़ा था, जो अचानक अंजलि पर झपट पड़ा। कुत्ते ने बच्ची को दौड़ाकर काट लिया। बच्ची जैसे ही दौड़ी, कुत्ता उसके पीछे भागा, और अचानक उसे गिरा दिया। इसके बाद आसपास मौजूद दुकानदार और लोग तुरंत आए और बच्ची को कुत्ते से बचाया।
गनीमत रही कि मौके पर लोग समय पर पहुंचे, जिससे कुत्ता बच्ची को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सका। हालांकि, बच्ची के हाथ में कुत्ते के नाखूनों के निशान पड़े, जिससे उसे चोटें आईं। उसे तत्काल इलाज के लिए मेकाहारा अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे इंजेक्शन और इलाज दिया गया।
पहले भी कुत्तों ने किया था हमला
अंजलि की मां सरस्वती ने बताया कि कुछ दिन पहले अंजलि के पिता मुकेश सेन भी आवारा कुत्तों के हमले का शिकार होते-होते बच गए थे। कुत्ते उनके पास भौंकते हुए दौड़े थे, लेकिन वे किसी तरह अपनी जान बचाकर सुरक्षित बच निकले थे। मुकेश सेन ने घर आकर परिवार को चेतावनी दी थी और कहा था कि बच्चों को इस समय घर से बाहर नहीं जाने देना चाहिए, क्योंकि आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ रही थी। लेकिन इस बार चूक के कारण अंजलि पर हमला हो गया।
कॉलोनी में डर का माहौल
स्थानीय लोग बता रहे हैं कि कॉलोनी में कुछ दिनों से आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ गई है और वे खासकर गाड़ी की आवाज सुनते ही दौड़ पड़ते हैं। कई बार लोग डर के कारण घर से बाहर निकलने में भी हिचकिचाते हैं। कॉलोनी के लोग परेशान हैं कि ये कुत्ते किसी भी समय किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं।
कुछ दिन पहले नगर निगम की टीम ने इन कुत्तों को पकड़कर बाहर भेज दिया था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन्हें वापस छोड़ दिया गया। इस कारण इन कुत्तों के आक्रमण में कोई कमी नहीं आई है। कॉलोनी में अब भी पांच से छह कुत्ते घूमते हुए दिखते हैं और वे अक्सर रात में घर लौटने वालों को दौड़ाते हैं, जिससे लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।
कुत्तों का व्यवहार बिगड़ा हुआ है
मोहल्ले के दुकानदार नागेंद्र पांडेय ने बताया कि उस कुत्ते का व्यवहार पिछले चार-पाँच दिनों से बहुत आक्रामक हो गया था। कुत्ता लगातार लोगों की ओर झपट्टा मार रहा था और उन्हें डराता हुआ इधर-उधर दौड़ता रहता था। सोमवार को जब न्यूज़ टीम मौके पर पहुंची, तो भी वह कुत्ता गलियों में भटक रहा था और लगातार इधर-उधर दौड़ रहा था। आसपास के लोग और दुकानदार परेशान हैं कि इस कुत्ते ने अंजलि के अलावा किसी और को भी घायल कर सकता है।
अंजलि पर कुत्ते के हमले के बाद से क्षेत्र के लोग और अधिक सतर्क हो गए हैं। उनका मानना है कि नगर निगम को आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान तुरंत करना चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं से भविष्य में किसी और की जान खतरे में न पड़े।
कुत्तों को पकड़ने की आवश्यकता
स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई बहुत जरूरी है। एक ओर घटना हुई थी जब कुत्ता एक अन्य व्यक्ति को भी आक्रामक रूप से घेरने की कोशिश कर रहा था। ऐसे कुत्तों से लोगों को बचाने के लिए नगर निगम और स्थानीय प्रशासन को आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करनी चाहिए और उनकी जगहों को निर्धारित करना चाहिए।
कई लोग यह भी कह रहे हैं कि कुछ कुत्ते सिर्फ खाने के लिए लोगों से लड़ा करते हैं, लेकिन कई कुत्ते इतने आक्रामक होते हैं कि वे किसी भी व्यक्ति पर हमला कर सकते हैं। इस वजह से कॉलोनी में खतरा बढ़ गया है, और लोगों को घर से बाहर जाने में डर लगने लगा है।
भविष्य में क्या किया जा सकता है?
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आवारा कुत्तों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। नगर निगम को इस मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए। कुत्तों को पकड़कर उनकी देखरेख की जानी चाहिए और अगर वे आक्रामक हैं तो उनकी विशेष चिकित्सा और उपचार करना चाहिए। साथ ही, यह भी जरूरी है कि प्रशासन आवारा कुत्तों के लिए सुरक्षित स्थानों पर आश्रय बनाए, ताकि वे बिना किसी खतरे के वहां रह सकें और किसी को नुकसान न पहुंचे।
बच्ची के मामले में अधिकारियों को यह ध्यान रखना होगा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में बच्चों समेत किसी भी नागरिक की जान को खतरा न हो।
यह घटना इस बात को रेखांकित करती है कि हमें समाज में सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर अधिक सजग और जिम्मेदार होना चाहिए। आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या और उनके आक्रामक व्यवहार से बचाव के लिए नगर निगम और स्थानीय प्रशासन को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।