350 करोड़ से ज्यादा के रीएजेंट घोटाले में ईओडब्ल्यू – एसीबी ने दूसरे दिन भी कार्रवाई की। जांच टीमों ने रायपुर और दुर्ग में सप्लायर मोिक्षत कार्पोरेशन के एमडी शशांक गुप्ता के बंगले, फैक्ट्री और पार्टनरों सहित 16 ठिकानों पर छापेमारी की। ईओडब्ल्यू की टीम एमडी गुप्ता के रिश्तेदारों और दोस्तों के घरों के साथ छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन (सीजीएमएससी) के दफ्तर भी जांच करने पहुंची।
छापे के दौरान बड़ी मात्रा में रीएजेंट सप्लाई के संबंध में दस्तावेज जब्त किए गए हैं। जरूरत न होते हुए भी करोड़ों के रीएजेंट की खरीदी कांग्रेस शासन काल के दौरान खरीदी की थी। एक ही माह में इतना स्टॉक खरीद लिया गया था कि सीजीएमएससी और सभी बड़े अस्पतालों के गोदाम फुल हो गए। उसके बाद रीएजेंट ऐसे हेल्थ सेंटरों में भेज दिया गया, जहां न लैब थी न तकनीशियन थे।
स्वास्थ्य मंत्री की घोषणा के बाद ही ईओडब्ल्यू ने रीएजेंट की सप्लाई करने वाली कंपनी के खिलाफ सबूत जुटाने के बाद अब छापेमारी की है। सोमवार को ईओडब्ल्यू की जांच देर शाम तक चलती रही। रविवार को छुट्टी के बाद भी ईओडब्ल्यू की टीम जांच करने पहुंच गई थी। दुर्ग में सबसे ज्यादा 9 जगहों पर दबिश दी गई। सप्लायर कंपनी के एमडी गुप्ता का बंगला और फैक्ट्री वहीं हैं। उनके पार्टनर और करीबी रिश्तेदार भी वहीं रहते हैं। रायपुर में उनके लोकल ऑफिस के अलावा कंपनी के बड़े अधिकारी के घरों में भी टीम पहुंची है। सभी जगह से केवल दस्तावेज ही जब्त किए गए हैं।