रायपुर में बीच सड़क पर कार खड़ी कर बर्थ डे सेलिब्रेट कर केक काटने को लेकर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने मामले में पुलिस की 300 रुपए की चालानी कार्रवाई पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
डिवीजन बेंच ने कहा कि अगर कोई आम आदमी ऐसा करता तो उसे गुंडा-बदमाश बताकर जेल में डाल देते। कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए इस तरह की कार्रवाई करने वाले ट्रैफिक पुलिस के अफसर को निलंबित करने कहा है। मामले में राज्य सरकार को शपथ पत्र के साथ जवाब देने कहा है।
बीच सड़क कार रोककर मनाई बर्थडे पार्टी
बीते 30 जनवरी को रायपुर में चौक पर बीच सड़क पर 2 कार को रोककर बर्थडे पार्टी मनाई गई। इस दौरान कार की बोनट पर केक काटा गया। साथ ही जमकर आतिशबाजी भी की गई। बताया जा रहा है कि इस दौरान जिस लड़के का जन्मदिन था। उसके पिता भी मौजूद थे, जिन्होंने अपने बेटे को रोका तक नहीं और तमाशा देखते रहे। मामला डीडी नगर थाना क्षेत्र के रायपुरा इलाके का है।
ट्रैफिक जाम, वाहनों की लगी कतार
इस दौरान राजधानी में वाहनों की कतार लग गई और ट्रैफिक जाम हो गया। जिसके बाद इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगा। यह खबर मीडिया में भी प्रकाशित हुई।
वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि रायपुरा ब्रिज के नीचे सड़क के बीचों-बीच 2 कारें खड़ी हैं। कार के बोनट पर 4-5 केक रखे हैं। 17 साल का नाबालिग केक काट रहा है। उसके दोस्त और पिता भी मौजूद हैं। सभी मिलकर हुड़दंग मचा रहे हैं। गाने भी बजा रहे हैं।
ट्रैफिक पुलिस ने काटा 300 रुपए का चालान
बीच सड़क पर बर्थ-डे सेलिब्रेशन के दौरान ट्रैफिक जाम के बाद लोगों ने इसका वीडियो बनाया, जिसमें लोगों की परेशानी का जिक्र किया गया था। जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने मॉल संचालक के बेटे को पकड़ा। फिर उसके खिलाफ महज 300 रुपए का चालान काटकर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई कर औपचारिकता निभाई।
हाईकोर्ट ने लिया शो मोटो
मीडिया रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने इसे सो मोटो लिया है। जनहित याचिका के तौर पर मामले की सुनवाई शुरू की। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि आरोपी पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 122 के तहत कार्रवाई करते हुए 300 रुपए का चालान काटा गया है।
इस पर चीफ जस्टिस ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह कोई मामूली अपराध नहीं है, बल्कि गंभीर मामला है। उन्होंने संबंधित अधिकारी के निलंबन और विभागीय जांच के भी निर्देश दिए। साथ ही राज्य शासन को शपथपत्र के साथ जवाब पेश करने कहा है।