और कितना इंतजार:5 ​विवि में पूर्णकालिक कुलपति नहीं, माहभर पहले तीन का इंटरव्यू पूरा, नाम घोषित नहीं

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प्रदेश के चार संस्थानों में छह महीने से पूर्णकालिक कुलपति, डायरेक्टर नहीं हैं। इसमें से तीन संस्थानों में चयन के लिए उम्मीदवारों का इंटरव्यू माहभर पहले हो चुका है। लेकिन अब तक इनके नाम की घोषणा नहीं हुई है। इस वजह से विवि के कई काम अटके हैं, क्योंकि विवि के कार्यवाहक कुलपति नीतिगत निर्णय लेने से बच रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के दो अन्य राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का कार्यकाल भी कुछ दिनों मंे खत्म होने वाला है। इस तरह से यहां भी अभी कार्यवाहक कुलपति की विवि की कमान संभालेंगे।

जानकारी के मुताबिक हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़, संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय और छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई में करीब छह महीने से पूर्णकालिक कुलपति नहीं हैं। यहां कार्यवाहक कुलपति हैं।

इसी तरह ट्रिपलआईटी रायपुर में भी अभी कोई डायरेक्टर नहीं है। पूर्व डायरेक्टर डॉ. प्रदीप कुमार सिन्हा ने पिछले साल मई में इस्तीफा दिया था। इसके बाद से यहां की गवर्निंग बॉडी की देखरेख में काम हो रहा है। दुर्ग विवि और खैरागढ़ विवि में कुल​पति चयन के लिए पिछले साल सितंबर में विज्ञापन जारी हुआ।

इसी तरह ट्रिपलआईटी रायपुर के लिए इस दौरान ही विज्ञापन जारी हुआ था। इन तीनों संस्थानों में कुलपति चयन के लिए उम्मीदवारों का प्रजेंटेंशन हुआ। शॉर्टलिस्ट उम्मीदवारों ने अपनी उपलब्धि, जॉब प्रोफाइल और विश्वविद्यालय को लेकर उनका क्या विजन है, यह पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम बताया। दुर्ग विवि के 9 जनवरी काे राजभवन में प्रजेंटेशन हुआ। जबकि ट्रिपलआईटी और खैरागढ़ के लिए दिसंबर ही प्रजेंटेंशन हुआ। संभावना थी कि इन संस्थानों के लिए 15 जनवरी से पहले कुलपति के नाम की घोषणा हो जाएगी। लेकिन अब तक घोषणा नहीं हुई है।

राज्य में कुलपति चयन के लिए पहली बार हुआ प्रजेंटेशन छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों में कुलपति चयन के लिए इस बार उम्मीदवारांे का प्रजेंटेंशन हुआ। राज्य में पहली बार चयन के लिए इस तरह का फार्मूला अपनाया गया। इसके तहत कुलपति बनने के लिए जितने भी आवेदन आए, सर्च कमेटी ने इसमें से आठ-दस नामों को शॉर्टलिस्ट किया। फिर इन उम्मीदवारों ने अपनी उपलब्धियों और विजन को लेकर प्रजेंटेंशन दिया। इसी तरह प्रजेंटेंशन से पहले उम्मीदवारों से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी लिया गया, उसमें उन्होंने यह जानकारी दी की उनके विरूद्ध कोई जांच, न्यायालयीन प्रकरण संस्थित, लंबित या निराकृत है या नहीं। अब राज्य में दूसरे विवि के कुलपति चयन में भी यही फार्मूला अपनाया जा सकता है।

इससे पहले वीसी चयन के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जाती थी, उसके अनुसार जितने भी आवेदन आते थे उसमें से सर्च कमेटी एकेडमिक रिकार्ड व अन्य उप​लब्धियों के आधार पर तीन से पांच नाम तय करती थी। फिर इसे राज्यपाल के पास भेजा जाता था। इसके से एक नाम पर मुहर लगती थी। अब प्रजेंटेशन के आधार पर तीन या पांच नाम तय कर सर्च कमेटी राज्यपाल को भेजती है। इसमें से एक नाम तय होता है।

हार्टीकल्चर यूनिवर्सिटी में 8 महीने बाद पूर्णकालिक वीसी

भर्ती में गड़बड़ी समेत अन्य को लेकर महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय पाटन दुर्ग के पूर्व कुलपति डॉ. आरएस. कुरील को मई 2024 में बर्खास्त किया गया था। इसके बाद से यहां करीब 8 महीने तक कार्यवाहक कुलपति रहे। जनवरी में पूर्ण​कालिक वीसी की नियुक्ति हुई है। यहां भी देरी होने से छात्रों से संबंधित कई कार्यों पर असर पड़ा। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय और ओपन यूनिवर्सिटी बिलासपुर के कुलपतियों का कार्यकाल कुछ दिनों में खत्म होने वाला है। लेकिन अभी तक यहां के लिए विज्ञापन जारी नहीं हुआ है। 

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