SSC दिल्ली कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा देने पहुंचा था, बारकोड स्कैन करने पर पकड़ाया…!

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दुर्ग पुलिस ने एसएससी दिल्ली कांस्टेबल परीक्षा देने आए मुन्नाभाई को गिरफ्तार किया है। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। जबकि जिसके स्थान पर वह परीक्षा देने आया था, उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।

भिलाई तीन थाना प्रभारी मनीष शर्मा ने बताया कि पार्थवी कॉलेज में 30 नवंबर 2023 को एसएससी दिल्ली कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा में भानुप्रतापपुर के रहने वाले मनीष मंडावी अपने मित्र सतीश उइके की जगह पेपर देने गया था।

पेपर देने से पहले ही पकड़ा

परीक्षा हाल में प्रवेश करने से पहले ही एग्जामनरों ने उसे पकड़ लिया। उन्होंने भिलाई तीन पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही भिलाई तीन पुलिस पार्थवी कॉलेज पहुंची। यहां उन्होंने मनीष मंडावी को हिरासत में लिया। इसके बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

मनीष के बयान के आधार पर पुलिस ने उसके दोस्त सतीश उइके को भी गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

प्रवेश पत्र में छेड़छाड़ कर बदली थी जानकारी

मनीष ने पुलिस को बताया कि दिल्ली कांस्टेबल की भर्ती के लिए मनीष और सतीश दोनों ने फार्म भरा था। किसी कारण से उसका फार्म रिजेक्ट हो गया था। सतीश भानुप्रतापपुर में ही च्वाइस सेंटर चलाता है। मनीष की तैयारी अच्छी होने से सतीश ने उसे उसकी जगह परीक्षा देने के लिए राजी किया।

इसके बाद सतीश के च्वाइस सेंटर में प्रवेश पत्र को एडिट करके सतीश ने मनीष की डिटेल डाल दी। इसके बाद मनीष उसकी जगह परीक्षा देने पहुंचा था।

बारकोर्ड स्कैन करने पर पकड़ाया मुन्नाभाई

थाना प्रभारी ने बताया कि मनीष को पूरा यकीन था कि वो नहीं पकड़ा जाएगा, लेकिन उसे पता नहीं था कि वहां स्कैनर लगाया गया है और हर प्रवेश पत्र के बारकोड को स्कैन किया जा रहा है। मनीष ने प्रवेश पत्र की हार्ड कॉपी में तो अपनी डिटेल डाल दी थी।

लेकिन जैसे ही उसके प्रवेश पत्र में छपे बारकोड को स्कैन किया गया तो कंप्यूटर में सतीश की डिटेल निकलकर सामने आ गई। इसके बाद वहां खड़े स्टॉफ ने मनीष को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले किया।

पहले भी इसी कॉलेज में पकड़ा चुके हैं दो मुन्ना भाई

पार्थवी कॉलेज में मुन्नाभाई पकड़ाने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी यहां 20 जुलाई 2023 को एफएमजीई परीक्षा हुई थी। उसमें रिबादिया धुरविल कुमार और हर्षद भाई की जगह दूसरे लोग परीक्षा देने बैठे थे। शिकायत पर पुलिस ने जब दस्तावेजों की जांच की, सच्चाई सामने आई। इसके बाद पुलिस ने मामले में लखनऊ निवासी मनीष यादव को गिरफ्तार किया गया है।

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