राज्य में पहली बार पेट्रोल पंपों के संचालन को लेकर बड़ा फैसला हुआ है। पेट्रोल पंपों के संचालन के लिए अब कलेक्टर से लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इतना ही नहीं कलेक्टर किसी भी पंप संचालक के खिलाफ सीधे कार्रवाई भी नहीं कर सकेंगे।
सरकार ने पेट्रोल पंप के लिए कलेक्टर कार्यालय से जारी होने वाले लाइसेंस की अनिवार्यता समाप्त करने के साथ कार्रवाई का अधिकार भी खत्म कर दिया है। पिछले 5 साल के दौरान मिलावट और कम नाम की शिकायतों के बावजूद किसी भी पंप संचालक के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई, उल्टे लाइसेंस के नाम पर वसूली की शिकायतें लगातार मिल रही थीं।
इसी वजह से सरकार ने ये फैसला लिया है। अभी तक पेट्रोलियम कंपनियों के साथ ही कलेक्टर से पेट्रोल पंप के संचालन के लिए लाइसेंस लेना पड़ता था। कलेक्टर के लाइसेंस के बाद ही पेट्रोल पंपों का संचालन किया जा सकता था। इसके साथ ही पंप में मिलावट या नाप से कम देने की शिकायत पर कलेक्टर सीधे कार्रवाई करते थे।
पेट्रोल पंप के लाइसेंस की औपचारिकता और उसकी मॉनीटरिंग की खाद्य विभाग करता था। पेट्रोल पंप के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों पर कार्रवाई भी खाद्य विभाग करता था।
40 साल से पहले बना था नियम राज्य में 40 साल पहले पेट्रोल पंप खोलने के लिए कलेक्टोरेट में आवेदन करने का नियम बनाया गया था। पेट्रोलियम कंपनी से लाइसेंस लेने के बाद भी कलेक्टर से संचालन की अनुमति लेनी पड़ती थी। कलेक्टोरेट से मिलने वाले लाइसेंस को हर साल रिनेवल भी कराना पड़ता था। संचालकों को यह छूट भी दी गई थी कि वे तीन साल का लाइसेंस फीस एक साथ अदा कर लाइसेंस तीन साल के लिए वैध करा सकते थे।
लेकिन लाइसेंस देने के दौरान खाद्य विभाग की ओर से काफी सख्ती की जाती। क्योंकि इस लाइसेंस के लिए नगर निगम और अग्नि सुरक्षा कार्यालय से भी एनओसी लेनी पड़ती थी। यानी एक लाइसेंस के लिए तीन विभागों के चक्कर काटने पड़ते थे। इस लाइसेंस का पेट्रोल पंप एसोसिएशन भी कई साल से विरोध कर रहा था।
इस वजह से इस बार भाजपा की नई सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव अन्बलगन पी की ओर से आदेश जारी होने के बाद इसकी अधिसूचना राजपत्र में भी प्रकाशित कर दी गई है।
पेट्रोल पंपों में चस्पा करेंगे टोल फ्री नंबर पेट्रोल पंपों में किसी तरह की परेशानी या कम नाप की शिकायत मिलने पर ग्राहक सीधे पेट्रोलियम कंपनी में शिकायत कर सकेंगे। इसके लिए पेट्रोलियम कंपनी की ओर से टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा। ये नंबर सभी पंपों में चस्पा किए जाएंगे। इसके अलावा एप के माध्यम से भी सीधे कंपनियों में शिकायत की जा सकेगी। उसका सिस्टम भी जल्द जारी किया जाएगा।