छत्तीसगढ़ के गौसेवक को मिला राष्ट्रीय सम्मान:खैरागढ़ के अखिल जैन को एडब्ल्यूबीआई ने दिया ‘प्राणी मित्र’ पुरस्कार, गौवंश सेवा में उत्कृष्ट योगदान

Spread the love

खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले की मनोहर गौशाला के ट्रस्टी डॉ. अखिल जैन को भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) ने ‘प्राणी मित्र’ पुरस्कार से सम्मानित किया है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन ने यह सम्मान प्रदान किया।

कपड़ा व्यवसायी अखिल जैन पिछले कई सालों से गौसेवा में समर्पित हैं। मनोहर गौशाला में बीमार और वृद्ध गौवंशों की विशेष देखभाल की जाती है। जैन ने गोबर और गोमूत्र से विभिन्न उत्पादों का निर्माण शुरू किया है।

गोमूत्र से बने फसल अमृत और मनोहर आर्गेनिक गोल्ड की प्रभावशीलता को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने भी प्रमाणित किया है।

‘चंद्रमणि’ नामक गाय ने दिलाई पहचान

गौशाला में गौ उत्पादों से टेबलेट, मूर्ति, चटाई, अगरबत्ती और माला का निर्माण किया जा रहा है। विशेष रूप से, उनकी दुकान में आने वाली ‘चंद्रमणि’ नामक गाय ने उन्हें विशेष पहचान दिलाई है। हाल ही में उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण से भी नवाजा गया था।

पशु कल्याण के बना बोर्ड

भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड 1962 में स्थापित एक वैधानिक सलाहकार निकाय है। यह संस्था प्रख्यात मानवतावादी स्व. रूक्मिणी देवी अरुंडेल के नेतृत्व में शुरू की गई थी। बोर्ड देश भर में पशु कल्याण कानूनों के क्रियान्वयन और पशु कल्याण को बढ़ावा देने का काम करता है।

बोर्ड पिछले 60 सालों से देश में पशु कल्याण में अपनी प्रमुख भूमिका निभा रहा हैं। जीव जन्‍तु कल्‍याण संगठनों को अनुदान प्रदान करने के साथ-साथ जीव जन्‍तु कल्‍याण संबंधी मामलों पर भारत सरकार को सलाह भी देता है।

बोर्ड में 28 सदस्य होते है

बोर्ड सुनिश्चित करता है कि देश में पशु कल्याण कानूनों का पालन किया जाता है, पशु कल्याण संगठनों को अनुदान प्रदान करता है और भारत सरकार को पशु कल्याण के मुद्दों पर सलाह देता है।

बोर्ड में 6 संसदीय सदस्‍यों (2 राज्‍यसभा सदस्‍य एवं 4 लोकसभा सदस्‍य) सहित कुल 28 सदस्‍य होते हैं। बोर्ड सदस्‍यता की कार्य अवधि तीन साल की होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *