छत्तीसगढ़ सरकार के हेलीकॉप्टर किराए पर किए गए भारी-भरकम खर्च का सवाल बुधवार को विधानसभा में सवाल उठा। कांग्रेस विधायक इंद्र साव ने इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा था, हालांकि प्रश्नकाल के समय डिप्टी सीएम साव सदन में मौजूद नहीं थे।
लेकिन इसके लिखित जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि 2021 से जनवरी 2025 तक हेलीकॉप्टर सेवाओं पर 249.13 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इनका 177 बार उपयोग किया। यह खर्च सरकारी उद्देश्यों के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लेने में किया गया।
यह राशि गुड़गांव स्थित ढिल्लन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और एयर किंग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड को दी गई।
किस सरकार में कितना खर्च?
इस आंकड़े में कांग्रेस सरकार के आखिरी दो साल और बीजेपी सरकार के शुरूआती डेढ़ साल के बीच हेलीकॉप्टर खर्च का का ब्यौरा है।
कांग्रेस सरकार (2021-2023) में खर्च: ₹103.52 करोड़
बीजेपी सरकार (2023-जनवरी 2025) में खर्च: ₹145.61 करोड़
कुल खर्च: ₹249.13 करोड़
आंकड़ों के मुताबिक कांग्रेस सरकार ने अपने आखिरी 2 साल में 103.52 करोड़ हेलीकॉप्टर के किराए पर खर्च किए, जबकि बीजेपी सरकार ने सिर्फ 1.5 साल में ही 145.61 करोड़ खर्च कर दिए।
लिखित जानकारी के मुताबिक राज्य शासन ने वर्ष 2006-07 में डबल ईंजन युक्त शासकीय विमान – King Air B-200, VT-CTG की खरीदी की थी, यह विमान दिसंबर 2006 से उपलब्ध है।
इसके अलावा राज्य शासन द्वारा समय-समय पर टेंडर के जरिए निजी कंपनियों से हेलीकॉप्टर किराए पर लिया जाता है।
बीजेपी सरकार में हेलीकॉप्टर किराए पर लेने में अधिक खर्च किया गया, जिसे लेकर बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में साय सरकार आने के बाद लगातार सारे काम सांय-सांय हो रहे हैं। विष्णु सरकार का जनसमर्थन छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा है।
प्रदेश के हर हिस्से में जनसंपर्क हो रहा है, इसलिए हेलीकॉप्टर किया गया। उनका तर्क है कि यह खर्च जरूरी था और पूर्ववर्ती भूपेश सरकार की तुलना में ज्यादा उपयोगी रहा।