“राजनांदगांव में साइबर ठगी का बड़ा खुलासा: 16 म्यूल बैंक खाताधारक और 3 सप्लायर गिरफ्तार”

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राजनांदगांव में साइबर ठगी का बड़ा मामला उजागर

राजनांदगांव पुलिस ने साइबर ठगी में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों की जांच करते हुए 16 म्यूल बैंक खाताधारकों और 3 बैंक खाता सप्लायरों पर कार्रवाई की है

17 बैंक खातों में करीब 8 करोड़ रुपये का संदेहास्पद लेन-देन सामने आया है
इन खातों में साइबर ठगी से जुड़े 70,83,519 रुपये जमा किए गए थे
इसके अलावा, 6 करोड़ रुपये के और भी संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिले हैं
एक्सिस बैंक, राजनांदगांव में 6 खातों के माध्यम से 27,32,900 रुपये साइबर ठगी से जमा किए गए थे
2.74 करोड़ रुपये के संदेहास्पद ट्रांजेक्शन की भी जानकारी सामने आई है

पुलिस ने इन सभी खाताधारकों और उनके सप्लायरों पर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और मामले की जांच जारी है।


क्या है म्यूल बैंक अकाउंट?

म्यूल बैंक अकाउंट वे खाते होते हैं जो असली खाताधारक की जानकारी के बिना या फिर उसकी सहमति से किसी अन्य अपराधी के उपयोग में लाए जाते हैं

✔️ साइबर अपराधी इन खातों का इस्तेमाल ठगी की गई रकम को ट्रांसफर करने के लिए करते हैं
✔️ ये बैंक खाते असली मालिकों के नाम पर होते हैं, लेकिन अपराधी इनका उपयोग गैरकानूनी तरीके से करते हैं
✔️ अक्सर खाताधारकों को लालच देकर या धोखे से उनके बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया जाता है


कैसे हुई ठगी?

1️⃣ अपराधियों ने म्यूल बैंक अकाउंट का इस्तेमाल कर ठगी के पैसे को इधर-उधर ट्रांसफर किया
2️⃣ एक्सिस बैंक की राजनांदगांव शाखा में 6 खातों के जरिए ठगी के 27,32,900 रुपये जमा किए गए
3️⃣ अन्य बैंकों के 17 खातों में करीब 8 करोड़ रुपये का संदिग्ध ट्रांजेक्शन पाया गया
4️⃣ ठगी के पैसे को कई छोटे-छोटे ट्रांजेक्शनों के जरिए विभिन्न खातों में बांटा गया, ताकि पकड़ा न जा सके।
5️⃣ पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो इन खातों के पीछे असली ठगों और उनके मददगारों का पता चला


कौन-कौन गिरफ्तार हुए?

पुलिस ने मामले में 16 बैंक खाताधारकों और 3 खाता सप्लायरों पर कार्रवाई की है

गिरफ्तार खाताधारकों के नाम:

  • एवन दास मानिकपुरी
  • मोहम्मद सलीम सत्तार
  • चेतन निर्मलकर
  • पूनमचंद साहू
  • शेख फैजान
  • मिहिर साहू
  • चेतन मंडावी
  • नागेश्वर बोरकर
  • हिमांशु पात्रे
  • विजय कुमार
  • मोहित जयसिंघानी
  • शरद हरिहारनो
  • प्रवेश मेश्राम

गिरफ्तार खाता सप्लायर:

  • गौरव चौहान
  • चम्पेश कुमार देवांगन
  • नितेश साहू

इन सभी को जेल भेज दिया गया है और पुलिस जांच जारी है।


कैसे बचें साइबर ठगी से?

आजकल साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को धोखा देते हैं। खुद को इस तरह की ठगी से बचाने के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी जरूरी हैं:

किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना बैंक खाता इस्तेमाल न करने दें।
लालच में आकर अपने बैंक डिटेल्स किसी के साथ साझा न करें।
अगर कोई आपको अकाउंट इस्तेमाल करने के बदले पैसा देने की बात करे, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
अजनबी कॉल, मैसेज या ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक करने से बचें।
अपने बैंक स्टेटमेंट को नियमित रूप से जांचें और किसी भी संदेहास्पद लेन-देन की तुरंत रिपोर्ट करें।
अगर कोई आपको ऑनलाइन निवेश या लॉटरी जीतने के नाम पर पैसे ट्रांसफर करने को कहे, तो सतर्क रहें।


सरकार और पुलिस की क्या भूमिका होनी चाहिए?

✔️ बैंकों और पुलिस को मिलकर साइबर अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में कड़े कदम उठाने चाहिए।
✔️ बैंकों को संदिग्ध लेन-देन की निगरानी बढ़ानी चाहिए और संदेहास्पद खातों पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
✔️ साइबर ठगी से जुड़े मामलों की जांच तेज करनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दिलानी चाहिए।
✔️ लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस और प्रशासन को लगातार अभियान चलाने चाहिए।


निष्कर्ष

राजनांदगांव में हुए इस साइबर ठगी कांड ने यह साफ कर दिया है कि साइबर अपराधी लोगों की मासूमियत और लालच का फायदा उठाकर बड़ी ठगी को अंजाम देते हैं

16 खाताधारकों और 3 खाता सप्लायरों की गिरफ्तारी के बाद यह भी साफ हुआ है कि बिना जागरूकता के ऐसी ठगी से बचना मुश्किल है
साइबर ठगों के जाल से बचने के लिए आम जनता को सावधान रहना होगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पुलिस को सूचना देनी होगी
सरकार और पुलिस को इस तरह के मामलों में तेजी से कार्रवाई करनी होगी ताकि भविष्य में साइबर अपराध को रोका जा सके

अगर आपको भी कोई अनजान व्यक्ति आपके बैंक खाते का उपयोग करने के लिए कहे, तो सतर्क रहें और तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दें।

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