फर्जी सिम कार्ड के जरिए साइबर ठगी करने वाले गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने फर्जी सिम कार्ड सप्लाई करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों के पास से 85 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं, जिन्हें ठगी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था।
गिरफ्तार आरोपी कौन हैं?
- गिरफ्तार आरोपियों के नाम भूपेंद्र जोशी और दुष्यंत जोशी हैं।
- ये दोनों सगे भाई हैं और सिम कार्ड बेचने का काम करते थे।
- ये लोग ग्राहकों की पहचान (आईडी) का गलत इस्तेमाल कर फर्जी सिम कार्ड जारी करते थे।
- ये फर्जी सिम कार्ड साइबर ठगों को बेचकर मोटी कमाई कर रहे थे।
कैसे होती थी साइबर ठगी?
- आरोपी फर्जी सिम कार्ड तैयार कर उन्हें साइबर ठगों को बेचते थे।
- इन फर्जी सिम कार्डों का इस्तेमाल करके ठग देशभर में ऑनलाइन धोखाधड़ी कर रहे थे।
- अब तक इन फर्जी सिम कार्डों की मदद से 14 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी की जा चुकी है।
कौन-कौन से राज्यों में हुई ठगी?
डीएसपी कृष्ण कुमार चंद्राकार ने बताया कि इन सिम कार्डों का इस्तेमाल महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड और राजस्थान जैसे राज्यों में ऑनलाइन ठगी के लिए किया गया था।
पुलिस की कार्रवाई और बरामदगी
- पुलिस ने 85 फर्जी सिम कार्ड बरामद किए हैं।
- पुलिस अब यह जांच कर रही है कि कितने और लोगों को ठगा गया है और कितने और फर्जी सिम कार्ड इस्तेमाल में हैं।
- आरोपियों के अन्य साथियों की तलाश जारी है।
फर्जी सिम कार्ड से होने वाले खतरे
फर्जी सिम कार्ड साइबर अपराधों को बढ़ावा देते हैं। इनके जरिए लोग बैंक धोखाधड़ी, ऑनलाइन ठगी और फर्जी कॉल कर दूसरों को ठगते हैं।
कैसे बचें साइबर ठगी से?
- अपने दस्तावेज सुरक्षित रखें – कोई भी आईडी कार्ड, आधार कार्ड या पैन कार्ड किसी अनजान व्यक्ति को न दें।
- सिम कार्ड का उपयोग जांचें – अपने नाम पर कितने सिम कार्ड लिए गए हैं, यह समय-समय पर चेक करें।
- अज्ञात कॉल और मैसेज से सावधान रहें – यदि कोई संदिग्ध कॉल या मैसेज आता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
- ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में सतर्क रहें – किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर अपने बैंक अकाउंट की जानकारी साझा न करें।
- साइबर सेल से संपर्क करें – यदि आपको कोई ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार बनाता है, तो तुरंत साइबर सेल में शिकायत करें।
निष्कर्ष
कवर्धा पुलिस की इस कार्रवाई से एक बड़े साइबर ठगी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। यह घटना हमें यह सिखाती है कि हमें अपने दस्तावेजों और ऑनलाइन लेन-देन को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। पुलिस की इस कार्रवाई से अन्य साइबर अपराधियों पर भी शिकंजा कसने की उम्मीद है।