सोराई स्टेशन पर एक-दूसरे पर चढ़ गईं ट्रेन की बोगियां, हर ओर मची चीख पुकार, भोपाल रेल मंडल व एनडीआरएफ ने किया मॉकड्रिल

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सोराई स्टेशन पर ट्रेन हादसे के संभावित हालात में बचाव कार्य और घायलों की मदद करने के लिए माकड्रिल थी। इस अभ्यास का उद्देश्य रेलवे हादसों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था।

कपिलदेव श्रीवास्तव, भोपाल: सोराई स्टेशन पर शुक्रवार को ट्रेन की बोगियां एक-दूसरे पर चढ़ गई थीं। सोराई स्टेशन के अधिकारियों को सुबह 11:20 बजे गार्ड ने सूचना दी। जिसमें बताया कि एक यात्रा स्पेशल यात्री गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है और इसमें कई यात्रियों के हताहत होने की आशंका है। स्टेशन मास्टर ने तुरंत यह सूचना रेलवे कंट्रोल रूम को दी, जिसके पश्चात कंट्रोल रूम ने 5 हूटर (सायरन) बजाकर भोपाल रेलवे स्टेशन से दुर्घटना राहत गाड़ी एवं चिकित्सा यान को रवाना किया। राहत बचाव टीम ने मौके पर पहुंचकर टूल्स से कोच काटकर घायलों को बाहर निकाला गया। जिन्हें तत्काल इलाज उपलब्ध कराया गया।

दरअसल, यह ट्रेन हादसे के संभावित हालात में बचाव कार्य और घायलों की मदद करने के लिए माकड्रिल थी। इस अभ्यास का उद्देश्य रेलवे हादसों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना था।

स्थानीय प्रशासन से ली मदद
रेल मंडल व एनडीआरएफ के साथ स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर रेलवे ने सफलतापूर्वक एक्सरसाइज किया है। दरअसल, संभावित दुर्घटना की परिस्थितियों को सजीव रूप देने के लिए दो कोचों, एक स्लीपर कोच और एक जनरल कोच को दुर्घटनाग्रस्त दिखाया गया। एसी कोच को डिरेल कर जीएस कोच को उसके ऊपर रखा गया, जिससे एक गंभीर दुर्घटना का दृश्य तैयार किया गया। दुर्घटना राहत गाड़ी के मौके पर पहुंचने के बाद, रेलवे और एनडीआरएफ की टीम ने संयुक्त रूप से बचाव कार्य शुरू किया। यात्रियों को बाहर निकालने के लिए खिड़कियों के शीशे तोड़े गए, दरवाजों एवं छत को काटा गया। रस्सियों और स्ट्रेचर की सहायता से फंसे हुए यात्रियों को बाहर लाया गया। विशेष रूप से, बोगी के नीचे फंसे यात्रियों को एयरबैग की सहायता से लिफ्ट कर निकाला गया।

घायलों को तुरंत मेडिकल की सुविधा
रेलवे मेडिकल टीम एवं डॉक्टरों ने तत्परता दिखाते हुए घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार प्रदान किया। अटल बिहारी वाजपेयी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय, विदिशा के डॉक्टरों की टीम ने भी इस अभ्यास में भागीदारी की, जिसमें स्थानीय डॉक्टरों एवं चिकित्सा विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर गंभीर रूप से घायल यात्रियों को शीघ्र अस्पताल पहुंचाने का अभ्यास किया गया।

भोपाल मंडल के पीआरओ नवल अग्रवाल ने बताया कि रेलवे और एनडीआरएफ के इस संयुक्त अभ्यास से हमारी आपदा प्रबंधन क्षमता का बेहतर आकलन हुआ है। इस अभ्यास से सभी विभागों के बीच तालमेल को मजबूती मिली है, जिससे वास्तविक दुर्घटना के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।

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