दुर्ग में बड़ा सड़क हादसा, 14 महिलाएं घायल
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक भीषण सड़क दुर्घटना में 14 महिलाएं घायल हो गईं। यह हादसा शनिवार शाम उस वक्त हुआ जब महिला दिवस कार्यक्रम से लौट रही महिलाओं की एक बस अनियंत्रित होकर टैंकर और अन्य गाड़ियों से जा टकराई।
हादसे में कुल 34-35 महिलाएं सवार थीं, जो सभी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम में शामिल होकर लौट रही थीं।
कहां और कैसे हुआ हादसा?
यह दुर्घटना मोहन नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बायपास रोड पर झरोखा पैलेस के सामने हुई। बताया जा रहा है कि बस का ड्राइवर बस से नियंत्रण खो बैठा, जिससे बस आगे खड़े टैंकर और अन्य वाहनों से टकरा गई।
हादसे के बाद राहत एवं बचाव कार्य
- जैसे ही दुर्घटना की सूचना मिली, मोहन नगर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची।
- स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को बस से बाहर निकाला गया।
- तुरंत सभी घायलों को जिला अस्पताल, दुर्ग में भर्ती कराया गया।
- बस ड्राइवर को भी गंभीर चोटें आई हैं, उसका इलाज भी अस्पताल में किया जा रहा है।
सभी घायल खतरे से बाहर
इस घटना के बाद जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग तुरंत सक्रिय हो गया। अस्पताल में चिकित्सकों की टीम ने तेजी से इलाज शुरू किया और राहत की बात यह रही कि सभी 14 घायल महिलाएं खतरे से बाहर हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, किसी को गंभीर चोटें नहीं आई हैं और सभी महिलाएं जल्द स्वस्थ हो जाएंगी। प्रशासन घायलों की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।
घायलों की सूची:
- सरोज चौहान (60 वर्ष) – निवासी नगपुरा
- माना महतो (56 वर्ष) – निवासी नगपुरा
- रोशनी देशमुख (25 वर्ष) – निवासी बेलौदी
- रौनक देशमुख (5 वर्ष) – निवासी बेलौदी
- योगेश्वरी विश्वकर्मा (37 वर्ष) – निवासी ढाबा अंजोरा
- पदमा साहू (47 वर्ष) – निवासी ढाबा अंजोरा
- पूर्णिमा देशमुख (37 वर्ष) – निवासी समोदा नगपुरा
- बहरिन बाई देशमुख – निवासी नगपुरा
- चंद्रिका साहू (36 वर्ष) – निवासी नगपुरा
- शानु वर्मा (55 वर्ष) – निवासी अंजोरा ढाबा
- कुसुम ठाकुर (30 वर्ष) – निवासी बेलौदी
- रवि चंद्राकर (32 वर्ष) – निवासी शंकर नगर, दुर्ग
- शशिकला सिंह (43 वर्ष) – निवासी नगपुरा
- दानेश्वरी पारकर (15 वर्ष) – निवासी बेलौदी
कैसे बचा जा सकता था यह हादसा?
इस हादसे के बाद यातायात सुरक्षा और बसों की तकनीकी जांच पर सवाल उठने लगे हैं। कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जो इस तरह की दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं:
- बस चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण: यह जरूरी है कि बस चालक का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए, ताकि किसी बीमारी या थकान की वजह से ऐसी घटनाएं न हों।
- वाहनों की नियमित जांच: सभी सार्वजनिक वाहनों की ब्रेक, स्टियरिंग और इंजन की नियमित जांच होनी चाहिए ताकि तकनीकी खराबी से हादसे न हों।
- सड़क पर अधिक सतर्कता: बायपास रोड जैसे हाई-स्पीड मार्गों पर वाहनों की गति सीमा तय होनी चाहिए और उसकी सख्ती से निगरानी हो।
- यात्रियों की सुरक्षा: बसों में सीट बेल्ट की अनिवार्यता होनी चाहिए ताकि दुर्घटना के समय यात्रियों को गंभीर चोटों से बचाया जा सके।