छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के विरोध में कांग्रेस प्रदेशभर में भाजपा और ईडी के खिलाफ प्रदर्शन करेगी। आज पार्टी कार्यकर्ता जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर पुतला दहन करेंगे। यह कार्रवाई उस छापेमारी के विरोध में की जा रही है, जो सोमवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और एआईसीसी महासचिव भूपेश बघेल के घर पर हुई थी।
ईडी की छापेमारी और 10 घंटे की जांच
सोमवार सुबह लगभग 8 बजे ईडी की चार गाड़ियाँ भूपेश बघेल के भिलाई-3, पदुमनगर स्थित घर पर पहुँचीं। इस दौरान उनके बेटे चैतन्य बघेल भी वहाँ मौजूद थे। छापेमारी करीब 10 घंटे चली, जिसके बाद ईडी टीम ने लगभग 32-33 लाख रुपये नकद और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। इनमें मंतूराम केस की पेनड्राइव भी शामिल है।
जांच के बीच दोपहर में नोट गिनने और सोने की शुद्धता जांचने की मशीनें भी मंगवाई गईं। इस बीच ईडी की गाड़ी पर कुछ अज्ञात लोगों ने पथराव कर दिया, जिससे माहौल और गरमा गया।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का आरोप
भूपेश बघेल ने इस छापेमारी को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सवाल पूछना अब अपराध हो गया है। जब मंत्री कवासी लखमा ने विधानसभा में सवाल पूछा, तो ईडी उनके घर पहुँच गई और 8 दिन के भीतर गिरफ्तारी हो गई। अब उनके सवाल पूछने के 4 दिन के भीतर ईडी उनके (भूपेश बघेल के) घर पहुँच गई।
उन्होंने आगे कहा कि उनका पूरा परिवार खेती करता है और उनके पास जो संपत्ति है, वह घोषित संपत्ति है। 33 लाख रुपये परिवार के अलग-अलग सदस्यों से मिले, जिसमें स्त्रीधन भी शामिल है।
ईडी के खिलाफ प्रदर्शन और पथराव
जब ईडी की टीम छापेमारी कर रही थी, उस समय बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और भूपेश बघेल के समर्थक उनके घर के बाहर इकट्ठा हो गए। उन्होंने कार्रवाई का विरोध किया और नारेबाजी की। इसी दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने ईडी की गाड़ी पर पथराव कर दिया, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए।
बाद में रात 10 बजे ईडी अधिकारी सुरक्षा बलों के साथ पुरानी भिलाई थाने पहुँचे और इस घटना की शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में कर्मकार मंडल के पूर्व अध्यक्ष सुशील उर्फ सन्नी अग्रवाल सहित 25 लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने, रास्ता रोकने और संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय: उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासन के दौरान कई घोटाले हुए, जिनकी जाँच होनी चाहिए। केंद्रीय एजेंसियाँ स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं, और राज्य सरकार का इसमें कोई दखल नहीं है।
डिप्टी सीएम अरुण साव: उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में कई घोटाले हुए, और ईडी की कार्रवाई लंबे समय से चल रही थी। यह अचानक नहीं हुआ, बल्कि जाँच प्रक्रिया का हिस्सा है।
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन जारी
ईडी की इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा में जोरदार हंगामा किया। उन्होंने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की और गर्भगृह तक पहुँचने की कोशिश की। इस पर कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद वे सदन से बाहर निकलकर गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठ गए, जिसके चलते विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
कांग्रेस का कहना है कि यह ईडी की कार्रवाई केंद्र सरकार के इशारे पर की जा रही है ताकि विपक्ष को दबाया जा सके। पार्टी कार्यकर्ताओं ने एलान किया है कि वे इस कार्रवाई के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे और भाजपा व ईडी का पुतला दहन करेंगे।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई के बाद कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। जहाँ कांग्रेस इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, वहीं भाजपा का कहना है कि यह जाँच जरूरी है, क्योंकि पूर्व सरकार में बड़े घोटाले हुए हैं। इस मामले में आगे क्या होगा, यह जाँच की गति और राजनीतिक समीकरणों पर निर्भर करेगा।