विधानसभा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर बुधवार को जमकर हमला बोला। साय ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार का शराब घोटाला देश में चर्चित था। जांच की जा रही थी। कांग्रेस की राजनीति करने वाला छोटा कार्यकर्ता भी समझ गया है कि लूट की रकम कहां गई है। 2019 20 में शराब का राजस्व 4,952 करोड़ रुपए था।
हमारी सरकार में ये राजस्व 9,573 करोड़ रुपए हो गया है। पहले यही राशि सिंडिकेट के खाते में चली जाती थी। अब कुछ कहने की जरूरत नहीं है। सब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। मुझे दुष्यंत कुमार की पंक्तियां याद आती हैं कि यहां तक आते-आते सूख जाती है नदियां, मुझे मालूम है कि पानी कहां ठहरा है…’
सीएम साय ने कहा कि जो पैसा पिछली सरकार में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था, वह अब जनकल्याण में लग रहा है। पिछले सवा साल से हम छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में लगे हैं। हम 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के रोडमैप पर काम कर रहे हैं। हमारा यह बजट गति पर आधारित है। चर्चा के बाद सीएम के विभागों के लिए 19,643 करोड़ 78 लाख 42 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गईं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति: सीएम ने कहा कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं।
गारंटी 1 लाख पद भरने की थी, प्रक्रिया शुरू नहींः महंत नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने भाजपा के घोषणा पत्र का उल्लेख करते हुए तंज कसा। कहा कि नरेंद्र मोदी की गारंटी में कहा गया था कि 1 लाख पद भरे जाएंगे, लेकिन अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। पिछले वित्त वर्ष में घोषणा की गई थी कि आर्थिक सलाहकार परिषद बनेगी। दिव्यांग लोगों की बैकलॉग भर्ती होगी। ये नहीं किया गया है।
1 अप्रैल से फाइल की बजाए ई-ऑफिस प्रणाली भ्रष्टाचार की जड़ मैनुअल फाइल प्रणाली खत्म करने ई-ऑफिस प्रणाली 1 अप्रैल से लागू होगी। आम लोगों का काम पारदर्शिता और सुगमता से हो, इसके लिए ई-ऑफिस लागू किया जा रहा है। एक अप्रैल से इसे लागू किया जा रहा है। सरकारी अफसरों की जवाबदेही भी तय होगी। सभी फाइल कंप्यूटर के जरिए भेजी जाएगी।