यह खबर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव और पांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ हुई सीबीआई की कार्रवाई से जुड़ी है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
-
सीबीआई छापेमारी: महादेव सट्टा ऐप मामले में भूपेश बघेल, देवेंद्र यादव, पांच आईपीएस अधिकारी और दो सिपाहियों के घर सीबीआई ने छापा मारा।
-
महादेव सट्टा ऐप कांड: ऑनलाइन सट्टे और हवाला ट्रांजैक्शन से जुड़े इस मामले में 70 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं, जिसमें 300 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं।
-
कैसे चलता था सट्टा नेटवर्क? पैनल ऑपरेटर्स और मास्टर आईडी के जरिए पूरे देश में यह अवैध कारोबार फैलाया गया था।
-
ईडी का आरोप: 6000 करोड़ रुपये की हेराफेरी और बड़े राजनेताओं व अधिकारियों की संलिप्तता का आरोप।
पूरी जानकारी:
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, भिलाई विधायक देवेंद्र यादव और पांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के घरों पर सीबीआई ने छापा मारा। इस कार्रवाई का संबंध महादेव सट्टा ऐप से जुड़े अवैध लेन-देन और हवाला नेटवर्क से है।
सीबीआई की 10 से ज्यादा टीमें 26 मार्च को रायपुर से निकलीं और अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी। इनमें भूपेश बघेल का रायपुर और भिलाई स्थित घर, देवेंद्र यादव का बंगला, और अन्य अधिकारियों के आवास शामिल थे।
महादेव सट्टा ऐप का पूरा खेल:
-
सरकार द्वारा सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाने के बाद इसे ऑनलाइन गेमिंग के रूप में चलाया गया।
-
क्रिकेट, फुटबॉल, ताश, और लूडो पर दांव लगाया जाता था।
-
ऐप के जरिए वॉट्सऐप नंबर पर लिंक भेजकर लोगों को जोड़ा जाता था।
-
सुरक्षा राशि जमा करने के बाद ही सट्टा खेलने की अनुमति मिलती थी।
अब तक की बड़ी कार्रवाई:
-
छत्तीसगढ़ में 70 से ज्यादा मामले दर्ज।
-
300 से ज्यादा लोग गिरफ्तार।
-
3,000 से अधिक बैंक खाते फ्रीज।
-
पुलिस और ईडी दोनों एजेंसियों की जांच जारी।
मुख्य आरोपी कौन?
-
महादेव सट्टा ऐप का मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर और उसका सहयोगी रवि उप्पल दुबई से इस नेटवर्क को चला रहे हैं।
-
इसमें कई बड़े व्यापारियों और राजनेताओं का पैसा लगा है।
-
हवाला के जरिए पैसे का लेन-देन किया जाता था।
ईडी और सीबीआई की जांच:
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने कांग्रेस सरकार के दौरान आरोप लगाया था कि इस सिंडिकेट को कई बड़े नेताओं और अधिकारियों का संरक्षण मिला हुआ था। जांच एजेंसियों के अनुसार, इस घोटाले में 6,000 करोड़ रुपये के हेरफेर का अनुमान है।
निष्कर्ष:
महादेव सट्टा ऐप का मामला सिर्फ ऑनलाइन जुआ तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें राजनीति, पुलिस और व्यापार जगत से जुड़े कई बड़े नामों की संलिप्तता भी सामने आई है। सीबीआई और ईडी की लगातार छापेमारी से यह साफ होता जा रहा है कि यह एक बड़ा मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का मामला है। आने वाले दिनों में इस पर और बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।