VIP सीटिंग से नाराज दर्शकों ने की तोड़फोड़, 2000 से ज्यादा कुर्सियां तोड़ीं
✅ VIP और आम दर्शकों के बीच भेदभाव से भड़की भीड़
✅ कार्यक्रम के दौरान कुर्सियां तोड़ी गईं और VIP दीर्घा की ओर फेंकी गईं
✅ भगदड़ जैसी स्थिति, उपमुख्यमंत्री को मंच से अपील करनी पड़ी
✅ 25 हजार से अधिक लोग आए, लेकिन बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी
क्या हुआ भोरमदेव महोत्सव में?
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध भोरमदेव महोत्सव के पहले ही दिन अव्यवस्था की वजह से बड़ी समस्या खड़ी हो गई।
बुधवार रात भजन गायक हंसराज रघुवंशी का कार्यक्रम बीच में रोकना पड़ा, क्योंकि दर्शकों का गुस्सा VIP व्यवस्था पर फूट पड़ा।
कार्यक्रम देखने आए हजारों लोगों को बैठने के लिए उचित व्यवस्था नहीं मिली, जिससे वे नाराज हो गए और कुर्सियां तोड़ने लगे।
हालात इतने बिगड़ गए कि कुछ लोगों ने टूटी हुई कुर्सियां VIP दीर्घा में बैठे लोगों की ओर फेंक दीं।
कैसे बिगड़े हालात?
कार्यक्रम स्थल पर कुल 6,000 कुर्सियां लगाई गई थीं, लेकिन 4,000 से ज्यादा VIP और VVIP के लिए आरक्षित कर दी गईं।
25,000 से ज्यादा लोग महोत्सव में पहुंचे थे, लेकिन आम दर्शकों के लिए बहुत कम जगह छोड़ी गई थी।
भीड़ को लगा कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है, जिसके बाद उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया।
कुछ दर्शक गुस्से में VIP दीर्घा की ओर कुर्सियां फेंकने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
हंगामा होते ही मंच से उपमुख्यमंत्री को करनी पड़ी अपील
✅ भीड़ को शांत करने के लिए छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और कवर्धा विधायक विजय शर्मा को मंच पर आना पड़ा।
✅ उन्होंने दर्शकों से अपील की कि वे भगदड़ न मचाएं और व्यवस्था बनाए रखें।
✅ लेकिन तब तक स्थिति काफी बिगड़ चुकी थी और कार्यक्रम को बीच में रोकना पड़ा।
2000 से ज्यादा कुर्सियां तोड़ी गईं, सुरक्षा व्यवस्था नाकाम
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कार्यक्रम स्थल पर 2000 से ज्यादा कुर्सियां तोड़ी गईं।
900 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन वे भी इस भीड़ को रोक नहीं सके।
कुछ दर्शक इतनी भीड़ में भी बिजली टॉवर, LED टॉवर और साउंड बॉक्स पर चढ़ गए, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता था।
मोबाइल नेटवर्क भी कमजोर था, जिससे मीडिया रिपोर्टिंग में परेशानी हुई।
हंसराज रघुवंशी के भजनों से भक्ति में डूबे श्रद्धालु
✅ हंगामे के बावजूद, जब तक कार्यक्रम चला, तब तक भक्ति का माहौल बना रहा।
✅ हंसराज रघुवंशी ने ‘मेरा भोला है भंडारी…’, ‘ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ रे…’, और ‘शिव समा रहे मुझमें…’ जैसे भजनों से माहौल को भक्तिमय बना दिया।
✅ श्रद्धालु भक्ति संगीत में डूब गए और मंदिर परिसर गूंज उठा।
इतनी तैयारियों के बाद भी अव्यवस्था क्यों?
प्रशासन ने दो हफ्ते तक इस महोत्सव की तैयारियां की थीं, लेकिन पहले ही दिन बड़ी गड़बड़ी हो गई।
मुख्य समस्या यह थी कि VIP और आम जनता के लिए अलग-अलग व्यवस्था कर दी गई थी, जिससे आम दर्शकों में नाराजगी बढ़ी।
अगर शुरुआत से ही सभी के लिए उचित बैठक व्यवस्था होती, तो यह स्थिति नहीं बनती।
अब आगे क्या होगा?
✅ इस घटना से सबक लेते हुए आयोजकों को भविष्य में VIP और आम जनता की उचित व्यवस्था करनी होगी।
✅ पुलिस और प्रशासन को भीड़ नियंत्रण की बेहतर योजना बनानी होगी।
✅ सुरक्षा को मजबूत करने के लिए VIP और आम लोगों के लिए संतुलित बैठने की योजना बनानी होगी।
✅ महोत्सव में दर्शकों को उचित स्थान और साफ व्यवस्था मिले, इसका ध्यान रखना जरूरी है।
निष्कर्ष: अव्यवस्था से बचने के लिए बेहतर योजना जरूरी
भोरमदेव महोत्सव जैसे बड़े आयोजन में अच्छी व्यवस्थाओं की जरूरत होती है।
अगर आम दर्शकों को भी सम्मानजनक स्थान मिलता, तो यह हंगामा नहीं होता।
भविष्य में आयोजकों को सीख लेनी होगी कि VIP और आम जनता के लिए संतुलित व्यवस्था बनाई जाए।
सुरक्षा को मजबूत करने और भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए पुलिस को भीड़ प्रबंधन की बेहतर योजना बनानी चाहिए।