छत्तीसगढ़ में 1 अप्रैल से सस्ती होगी शराब: नई आबकारी नीति लागू, 4% तक घटी कीमतें

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शराब की नई दरें घोषित, मैकडॉवेल नंबर वन का पौव्वा नहीं मिलेगा

✅ 1 अप्रैल से छत्तीसगढ़ में नई आबकारी नीति लागू होगी।
✅ अंग्रेजी शराब के दाम 4% तक घटाए गए।
✅ गोवा 120 अब और सस्ती मिलेगी।
✅ प्रदेश में 67 नई शराब दुकानों को खोलने की मंजूरी।
✅ प्रीमियम शॉप्स भी रहेंगी संचालित।


शराब की कीमतों में 4% की कमी, 1000 रुपये की बोतल पर 40 रुपये तक बचत

छत्तीसगढ़ सरकार ने 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति लागू करने की घोषणा की है।
1 अप्रैल से नई कीमतें प्रभावी होंगी, जिससे शराब अब पहले से सस्ती होगी।
नई दरों के तहत शराब की कीमत में औसतन 4% की कटौती की गई है।
यदि किसी शराब की बोतल की कीमत 1000 रुपये थी, तो अब वह 960 रुपये में मिलेगी।
इस बदलाव से शराब पीने वालों को थोड़ी राहत मिलेगी।


शराब की थोक खरीद पर सरकार का विशेष ध्यान

आबकारी विभाग ने थोक में शराब खरीदने की प्रक्रिया को पारदर्शी और किफायती बनाया है।
20 मार्च को शराब कंपनियों के साथ बैठक कर कीमतें तय की गईं।
कम कीमत में शराब की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विशेष समझौते किए गए।
इसके बाद फुटकर दरें तय कर सभी जिलों के कलेक्टरों को इसकी सूचना दी गई।


1 अप्रैल से 67 नई शराब दुकानें खुलेंगी

छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब बिक्री को व्यवस्थित करने के लिए 67 नई दुकानें खोलने का निर्णय लिया है।
वर्तमान में प्रदेश में 674 शराब दुकानें संचालित हो रही हैं।
इनमें कुछ प्रीमियम शराब दुकानें भी शामिल हैं, जहां महंगी और ब्रांडेड शराब बेची जाती है।
नई दुकानों के लिए जिलों से प्रस्ताव मांगे गए थे, जिसे स्वीकृति दे दी गई है।


मैकडॉवेल नंबर वन का पौव्वा नहीं मिलेगा

नई नीति के तहत अब मैकडॉवेल नंबर वन का पौव्वा (छोटी बोतल) प्रदेश में नहीं बेचा जाएगा।
इस निर्णय के पीछे क्या कारण है, यह स्पष्ट नहीं किया गया है।
हालांकि, यह फैसला शराब कंपनियों और सरकारी अधिकारियों की आपसी सहमति से लिया गया है।


शराब नीति में बदलाव का उद्देश्य क्या है?

✅ शराब की बिक्री को नियंत्रित करना और अनावश्यक कालाबाजारी रोकना।
✅ थोक खरीद के जरिए कम कीमत में शराब की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
✅ प्रदेश में राजस्व बढ़ाने के लिए नई दुकानें खोलना।
✅ शराब बिक्री में पारदर्शिता लाना और अवैध बिक्री को रोकना।


इस नीति से किसे होगा फायदा?

शराब पीने वालों को सस्ती कीमत पर शराब मिलेगी।
शराब दुकानों की संख्या बढ़ने से भीड़ कम होगी और सुविधाजनक खरीदारी होगी।
सरकार का राजस्व बढ़ेगा, जिससे विकास कार्यों के लिए अधिक बजट उपलब्ध होगा।
थोक खरीद पर ध्यान देने से शराब की उपलब्धता बनी रहेगी और कालाबाजारी पर रोक लगेगी।


क्या इस नीति से शराब की खपत बढ़ेगी?

शराब सस्ती होने से इसकी खपत बढ़ने की संभावना जरूर है।
सरकार के लिए यह एक चुनौती होगी कि शराब नियंत्रण पर कैसे ध्यान दिया जाए।
हालांकि, सरकार का कहना है कि नई नीति का मकसद सिर्फ राजस्व बढ़ाना नहीं, बल्कि व्यवस्था को सुधारना भी है।


छत्तीसगढ़ में शराब नीति को लेकर भविष्य की संभावनाएं

आबकारी विभाग आने वाले समय में शराब बिक्री को लेकर और बदलाव कर सकता है।
शराब पर टैक्स घटाने या बढ़ाने का फैसला भविष्य में राजस्व और सामाजिक प्रभावों को देखकर लिया जाएगा।
यदि नई नीति से राजस्व में बढ़ोतरी होती है, तो भविष्य में और बदलाव संभव हैं।


क्या यह नीति लोगों के हित में है?

✅ शराब की कीमतों में कटौती से लोगों को राहत मिलेगी।
✅ सरकार का राजस्व बढ़ेगा, जिससे अन्य विकास कार्यों में धन लगाया जा सकेगा।
✅ पर्याप्त दुकानों की संख्या होने से कालाबाजारी और अवैध शराब बिक्री पर रोक लगेगी।
✅ हालांकि, शराब की बढ़ती खपत को नियंत्रित करना सरकार के लिए चुनौती बनी रहेगी।


1 अप्रैल से लागू होगी नई शराब नीति

छत्तीसगढ़ में 1 अप्रैल से नई शराब नीति लागू होगी, जिससे शराब के दाम 4% तक घट जाएंगे।
मैकडॉवेल नंबर वन का पौव्वा अब बाजार में उपलब्ध नहीं होगा।
प्रदेश में 67 नई शराब दुकानों की शुरुआत होगी।
थोक में शराब खरीदने की पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई है, जिससे कीमतें कम करने में मदद मिली है।

अब देखना होगा कि इस नीति का जनता और सरकार पर कैसा प्रभाव पड़ता है!

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