देश में पहली बार ‘ग्रीन स्टील’ का उत्पादन शुरू होने जा रहा है। छत्तीसगढ़ के भिलाई और दुर्ग में इसके उत्पादन के लिए दो पायलट प्लांट का निर्माण किया जाएगा। यह पायलट प्रोजेक्ट आईआईटी भिलाई और दो स्थानीय उद्योगों के साझेदारी से शुरू होगा। 230 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य स्टील उत्पादन में हाइड्रोजन के प्रयोग से कार्बन उत्सर्जन को कम करना है। केंद्र सरकार ने पिछले साल ही 15 हजार करोड़ रुपए की लागत से ‘ग्रीन स्टील मिशन’ की घोषणा की है।
आईआईटी भिलाई के निदेशक राजीव प्रकाश के अनुसार इस प्लांट में 100% हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि डायरेक्ट रेड्यूस्ड आयरन तैयार किया जा सके। साथ ही स्टील बनाने की प्रक्रिया अब तक कोयला और अन्य कार्बन स्रोतों पर निर्भर थी, जो प्रदूषण का कारण बनती है।
इस प्रोजेक्ट के तहत, हाइड्रोजन का इस्तेमाल आयरन ओर को लोहे में बदलने के लिए किया जाएगा।