प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 33,700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 22 बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में बिजली, गैस, रेलवे और शिक्षा से जुड़े कई विकास कार्य शामिल हैं। लेकिन इस दौरे को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल उठाए हैं।
भूपेश बघेल का आरोप: पुरानी परियोजनाओं का दोबारा शिलान्यास?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जो थर्मल पावर स्टेशन उनकी सरकार के समय पहले ही शिलान्यास हो चुका था, उसे अब दोबारा शिलान्यास किया जा रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:
“अगर प्रधानमंत्री जी को हमारे ही शिलान्यास किए गए प्रोजेक्ट का फिर से उद्घाटन करना था, तो पहले बता देते। मैं ऐसे 10-20 और प्रोजेक्ट बता देता, जिनका फिर से फीता काट सकते थे।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने जिन लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के घरों की चाबी सौंपी, वे वे ही लोग थे, जिन्हें पहली किस्त उनकी सरकार में जारी की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री का दौरा सिर्फ़ “मेमू ट्रेन” को झंडी दिखाने तक सीमित रह गया।
भाजपा का जवाब: यह शिलान्यास नहीं, कार्य प्रारंभ है
भाजपा ने भूपेश बघेल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह शिलान्यास नहीं, बल्कि कार्य प्रारंभ है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा कि बघेल सरकार ने केवल “फॉर्मेलिटी” के लिए टेंडर निकाला था, लेकिन वास्तविक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ था।
भाजपा ने परियोजना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य भी साझा किए:
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26 मार्च 2024 – परियोजना को पर्यावरणीय मंजूरी मिली।
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27 मार्च 2024 – बीएचईएल (BHEL) को निर्माण कार्य का आदेश दिया गया।
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30 मार्च 2024 – प्रधानमंत्री मोदी ने परियोजना के कार्य प्रारंभ की घोषणा की।
पीएम मोदी ने किन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इसमें निम्नलिखित प्रमुख कार्य शामिल हैं:
1. बिजली से जुड़ी परियोजनाएं
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छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड की 2660 मेगावॉट क्षमता की परियोजना (15,800 करोड़ रुपये की लागत) की शुरुआत।
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एनटीपीसी सीपत सुपर थर्मल पावर परियोजना के चरण-3 की आधारशिला रखी गई, जिसकी क्षमता 800 मेगावॉट होगी और लागत 9,790 करोड़ रुपये है।
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पॉवरग्रिड की तीन विद्युत पारेषण परियोजनाओं का राष्ट्र को समर्पण, जिनकी कुल लागत 560 करोड़ रुपये से अधिक है।
2. गैस पाइपलाइन और सिटी गैस परियोजनाएं
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भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) की 800 किलोमीटर लंबी सिटी गैस वितरण परियोजना, जिसकी लागत 1,285 करोड़ रुपये है। यह परियोजना कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर और सरगुजा जिलों में संचालित होगी।
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हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) की 540 किलोमीटर लंबी विशाखापट्टनम-रायपुर पाइपलाइन परियोजना, जिसकी लागत 2,210 करोड़ रुपये है।
3. रेलवे से जुड़े विकास कार्य
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छत्तीसगढ़ में 108 किलोमीटर की लंबाई वाली 7 नई रेलवे परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया, जिनकी कुल लागत 2,690 करोड़ रुपये होगी।
4. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
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3 लाख लाभार्थियों का गृह प्रवेश संपन्न कराया गया। यह उन लोगों को मकान सौंपने की योजना का हिस्सा है, जो इस योजना के पात्र थे।
5. शिक्षा क्षेत्र में सुधार
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छत्तीसगढ़ के 29 जिलों में 130 पीएम श्री स्कूलों का उद्घाटन किया गया।
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रायपुर में विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत की गई, जो राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का काम करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का दौरा और छत्तीसगढ़ की राजनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छत्तीसगढ़ दौरा आगामी चुनावों के मद्देनजर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भाजपा इसे विकास की नई दिशा बता रही है, जबकि कांग्रेस इसे राजनीतिक स्टंट करार दे रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आरोप है कि भाजपा सरकार कांग्रेस सरकार के दौरान किए गए कार्यों को ही दोबारा प्रस्तुत कर रही है। वहीं, भाजपा का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार ने केवल औपचारिक शिलान्यास किए थे, लेकिन अब असली काम शुरू हो रहा है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर में 33,700 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया, जिससे छत्तीसगढ़ में ऊर्जा, गैस, रेलवे और शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
हालांकि, इस दौरे पर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। जहां कांग्रेस इसे पुरानी योजनाओं का दोबारा शिलान्यास बता रही है, वहीं भाजपा इसे वास्तविक कार्य प्रारंभ होने की दलील दे रही है।
राजनीतिक विवादों के बावजूद, ये परियोजनाएं छत्तीसगढ़ के विकास में अहम भूमिका निभाएंगी और राज्य में बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी।