पटरी पर दौड़ीं खुशियां : 9 साल बाद गूंजा ट्रेन का शौर, सफर का लुत्फ उठाने 20 गांवों से पहुंची भीड़

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रायपुर। अभनपुर से रायपुर के बीच 9 साल बाद ट्रेन का परिचालन शुरू होने से रविवार को नगरवासियों के चेहरे पर भी खुशी की लहर दौड़ गई। यह पल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए एक खास उत्सव बन गया। 1 मई 2017 को जब छोटी रेललाइन के पहिए थम गए थे तो ट्रेन यात्रा की खुशी भी खत्म हो गई थी, लेकिन अब एक बार फिर से ट्रेन के चलने से यह खुशी पुरानी यादों के साथ लौट आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोपहर 4 बजे मोहभट्टा, बिलासपुर कार्यक्रम स्थल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर अभनपुर-रायपुर मेमू स्पेशल सेवा का शुभारंभ किया। इस सफर का हिस्सा बनने हरिभूमि टीम भी ट्रेन में सवार हुई। 

पहले दिन ट्रेन में  सफर करने राजिम, धमतरी और 20 से ज्यादा गांवों से 800 से अधिक यात्री अभनपुर स्टेशन पहुंचे और रायपुर तक का सफर तय किया। ट्रेन में लगभग 1000 यात्री थे। ट्रेन में सफर करने का उत्साह इतना था कि यात्री 12 बजे से ही स्टेशन पहुंच  गए थे। चार घंटे तक लंबा इंतजार करने के बाद जैसे ही शाम 4 बजे ट्रेन के रवाना होने की आवाज आई, हर किसी के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी। ट्रेन धीमी रफ्तार से स्टेशन से चली, यात्रियों ने खिड़की और दरवाजे से बाहर हाथ हिलाकर अपने खुशी जाहिर की। इस खास पल को जीने के लिए सबमें एक अलग ही उत्साह था, जैसे ट्रेन नहीं, बल्कि एक सपना चल पड़ा हो। 

सड़कों पर देखते रहे लोग  

नई लोकल ट्रेन ने हर किसी का ध्यान आकर्षित किया। चमचमाती ट्रेन देखकर लोग अपने घरों से बाहर आ गए थे। सड़कों पर भी लोग ट्रेन का नजारा देख रहे थे। ट्रेन जिस भी जगह से गुजरी, लोग खड़े होकर उसे हाथ हिलाकर खुशी जाहिर करते रहे। 

अब फ्री का सफर पड़ेगा भारी 

छोटी रेललाइन के दौर में 5 रुपए किराया होने के कारण ज्यादातर यात्री रायपुर से अभनपुर तक का सफर मुफ्त में भी कर लेते थे, लेकिन नई ट्रेन में ऐसा नहीं हो पाएगा। अब ट्रेन में टीटीई नियमित रूप से सभी यात्रियों के टिकट की जांच करेंगे। अगर कोई यात्री बगैर टिकट होगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

80 की रफ्तार से रायपुर पहुंची ट्रेन 

अभनपुर से रायपुर तक का सफर ट्रेन में महज 1 घंटे 10 मिनट में तय किया गया। इस दौरान ट्रेन की रफ्तार 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच रही। ट्रेन पहले अभनपुर के बाद केंद्री स्टेशन पहुंची, जहां दो मिनट का स्टॉपेज रहा और फिर सीधे सीबीडी स्टेशन के लिए रवाना हो गई। इसके बाद ट्रेन मंदिर हसौद होते हुए रायपुर पहुंची। इस दौरान रायपुर से भी कई यात्रियों ने अभनपुर का सफर तय किया। पहले सफर को खास बनाने के लिए रेलवे ने ट्रेन में पानी और नाश्ते की व्यवस्था की थी। यात्रियों ने आधुनिक सुविधाओं का आनंद लिया और अपनों के साथ 2 घंटे 30 मिनट में अभनपुर से रायपुर और फिर अभनपुर तक ट्रेन में सफर किया।

बचपन की यादें हो गई ताजा 

1900 के दौर में छोटी रेललाइन पर सफर करने वाले यात्रियों ने भी नई ट्रेन का आनंद लिया। 65 साल के बलदाऊ ठाकुर ने हरिभूमि से बातचीत में बताया कि 9 साल पहले वे केवल 5 रुपए में अभनपुर से रायपुर ट्रेन से गए थे। ट्रेन से जुड़ी हुई कई पुरानी यादें हैं, जो आज एक बार फिर से ताजा हो गईं। बलदाऊ ने अपने नाती-पोते और दोस्तों के साथ ट्रेन में सफर किया। उन्होंने कहा, 9 साल में ट्रेन की लंबाई, स्टेशन और पूरी व्यवस्था बदल गई है। नई पीढ़ी के लिए यह ट्रेन अब एक नई यादगार यात्रा साबित होगी। 

ट्रेन से जुड़ा था रोजगार 

नई ट्रेन में सफर करने के लिए बच्चे, युवा और बुजुर्गों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने भी नई ट्रेन में सफर किया। यात्री एमआर साहू ने बताया कि पुराने रेलवे स्टेशन से कई लोगों का रोजगार भी जुड़ा हुआ था, क्योंकि वे काम के लिए ट्रेन से रायपुर जाते थे। ट्रेन बंद होने के बाद 9 साल तक बस से सफर करना पड़ा, लेकिन अब फिर से ट्रेन में सफर करने का अवसर मिला है। अभनपुर से रायपुर जाना अब पहले की तरह आसान हो गया है। अभनपुर से आज भी 200 से अधिक यात्री अपने कामकाज के सिलसिले में रोजाना बस से रायपुर आते हैं।

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