अब लोक सुराज अभियान : तीन चरणों में होगा जनता की समस्याओं का समाधान

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली राज्य की भाजपा सरकार अब प्रदेश में लोक सुराज अभियान शुरू करने जा रही है। लोक सुराज अभियान 2025 तीन चरणों में होगा। पहले चरण में 8 से 11 अप्रैल तक आवेदन लिए जाएंगे। दूसरे चरण में लगभग एक माह आवेदनों का निराकरण किया जाएगा। तीसरा चरण समाधान शिविरों का होगा, जिसकी अवधि 5 मई से 31 मई 2025 निर्धारित की गई है। इस अभियान के संबंध में श्री साय ने राज्य के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर अभियान संचालित करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

 

 

आवेदन प्राप्ति से समाधान तक 

अभियान के तहत सबसे पहला काम आवेदन प्राप्ति का होगा। आम जनता से उनकी समस्याओं के संबंध में आवेदन, 07 अप्रैल से 10 अप्रैल 2025 अर्थात् 04 दिनों तक, पंचायत मुख्यालयों व स्थानीय निकायों के कार्यालयों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक, प्राप्त किए जाएंगे। आवेदन प्राप्ति स्थलों पर रखी जाने वाली पेटी को ‘समाधान पेटी’ का नाम दिया जाएगा। जिला तथा विकासखण्ड मुख्यालयों, ग्राम पंचायतों, नगरीय निकायों में भी आवेदन प्राप्त करने के लिए ‘समाधान पेटी’ की व्यवस्था की जाएगी, ताकि जनता बेहिचक और बेझिझक अपने मन की बात लिखकर दे सकें। आवश्यकतानुसार हाट बाजारों में भी आवेदन लेने की व्यवस्था की जा सकती है। सॉफ्टवेयर में इन आवेदनों का पंजीयन कर उन्हें अपलोड किया जाएगा। आवेदन ऑनलाइन भी प्राप्त किए जाएंगे। प्रत्येक आवेदन की पावती दी जाएगी। आवेदन पत्र का प्रारूप राज्य स्तर से निर्धारित किया जाएगा।

 

 

समाधान शिविर भी लगेंगे 

अभियान के तहत समाधान शिविर का आयोजन 05 मई से 31 मई के मध्य प्रत्येक 10 से 15 पंचायतों के मध्य एक समाधान शिविर का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आवेदनों के निराकरण की जानकारी आवेदकों को दी जाएगी। इसी प्रकार नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार शिविर आयोजित किए जाएंगे। शिविरों के कार्यक्रम की जानकारी की प्रविष्टि सॉफ्टवेयर में की जाए और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

आवेदन लिखने में भी मिलेगी मदद 

अभियान के तहत आवेदन लिखने में जनता की मदद करने के लिए आवश्यकतानुसार कलेक्टरों द्वारा अधिकारी/कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाएगी। आवेदन लेने वाले कर्मचारी चार दिन पंचायत भवन, नगरीय निकाय के कार्यालय में बैठकर आवेदन प्राप्त करेंगे। साफ्टवेयर में इस ड्यूटी कार्यक्रम की प्रविष्टि की जाएगी। इन तारीखों का प्रचार-प्रसार किया जाए, वॉल राइटिंग भी की जाएगी।

ऐसे होगा आवेदनों का निपटारा 

 

 

आवेदनों का निराकरण प्राप्त आवेदनों को स्केन कर सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाए तथा इन आवेदनों को निराकरण हेतु संबंधित जिला, जनपद, नगरीय निकाय के अधिकारियों को ऑनलाइन व भौतिक रूप से भेजा जाएगा। संबंधित विभाग या अधिकारी इन आवेदनों में दर्ज शिकायतों -समस्याओं का निराकरण एक माह की अवधि में करेंगे। मांग से संबंधित आवेदनों का निराकरण बजट की उपलब्धता अनुसार किया जाए। इन आवेदनों तथा आवेदन के निराकरण की गुणवत्ता का विश्लेषण राज्य व जिला स्तर पर किया जाएगा।

सीएम, मंत्री, अफसर होंगे शामिल 

 

 

इन शिविरों में सरकार की विभिन्न जनहितकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी तथा विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं के लिए आवेदन पत्र-प्रपत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे। हर शिविर के लिए एक खंडस्तरीय अधिकारी को प्रभारी अधिकारी बनाया जाए, ताकि वह उचित समन्वय से शिविरों की सार्थकता सुनिश्चित करें। शिविरों में विकासखण्ड स्तर, सब-डिवीजन स्तर के सभी अधिकारी उपस्थित रहेंगे, जिला स्तर से भी कुछ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इसी प्रकार की व्यवस्था नगरीय निकायों के शिविरों में भी की जाए। मैं स्वयं मुख्यमंत्री, मंत्री, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं राज्य शासन के अधिकारी भी कुछ शिविरों में भाग लेंगे तथा कुछ आवेदकों से भेंट कर उनकी समस्याओं व निराकरण के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

 

 

समीक्षा बैठक और प्रेस कांफ्रेंस भी 

समाधान शिविर के बाद दोपहर में जिला मुख्यालय पर अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी, जिसमें समाधान शिविर में प्राप्त आवेदनों के निराकरण तथा विभिन्न योजनाओं तथा परियोजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी तथा आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी। राज्य स्तर से बिन्दुवार समीक्षा-पत्रक उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रेस कॉन्फरेंस तथा अन्य कार्यक्रम समीक्षा बैठक के बाद या अन्य उपयुक्त समय पर मुख्यमंत्री प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे एवं विभिन्न संगठनों तथा लोगों से भेंट करेंगे।

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