रायपुर में लोन और इन्वेस्टमेंट स्कीम के नाम पर बड़ा घोटाला

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140 लोग ठगी का शिकार, असिस्टेंट प्रोफेसर को 72 लाख का लोन दिलाकर लगाया चूना

रायपुर की एक निजी कंपनी ने लोन दिलाने और इन्वेस्टमेंट स्कीम में मोटा मुनाफा देने का झांसा देकर असिस्टेंट प्रोफेसर समेत 140 लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना लिया।

कैसे हुआ घोटाला?

✅ बिना बैंक गए 72 लाख का लोन दिलाया
✅ लोन की आधी रकम इन्वेस्टमेंट स्कीम में जमा करने का झांसा
✅ कुछ महीनों तक लोन की किस्तें भरीं, फिर अचानक पैसा देना बंद कर दिया
✅ 140 लोगों को इसी तरह से करोड़ों का नुकसान

घोटाले की पूरी कहानी

लोन दिलाने का झांसा

मार्च 2024 में त्रिभुवन सिंह (शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर) को एक अजनबी नंबर से फोन आया। कॉलर ने “आरवी ग्रुप एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड” नामक कंपनी की ओर से लोन दिलाने की पेशकश की।

ऑफर क्या था?

  • बिना बैंक गए 72 लाख रुपये का लोन 5 अलग-अलग बैंकों से दिलाया जाएगा।

  • कंपनी खुद गारंटर बनेगी, इसलिए सिविल स्कोर चेक करने की जरूरत नहीं।

  • सिर्फ डॉक्यूमेंट देने होंगे, बैंक जाने की भी जरूरत नहीं।

5 बैंकों से मिला लोन

कंपनी के एक पार्टनर अभय गुप्ता ने 5 बैंकों से 72 लाख रुपये का पर्सनल लोन दिलवाया:
✅ चोलामंडलम बैंक – ₹12 लाख
✅ इंडसइंड बैंक – ₹15 लाख
✅ यस बैंक – ₹15 लाख
✅ ICICI बैंक – ₹15 लाख
✅ आदित्य बिरला बैंक – ₹15 लाख

इन्वेस्टमेंट स्कीम का जाल

लोन मिलने के बाद, कंपनी ने त्रिभुवन सिंह को एक आकर्षक इन्वेस्टमेंट स्कीम का झांसा दिया।

  • लोन की 50% रकम कंपनी में जमा करने को कहा गया।

  • कहा गया कि इस पैसे को इन्वेस्ट कर लाभ से लोन की किस्तें भरी जाएंगी।

  • झांसे में आकर त्रिभुवन सिंह ने 36 लाख रुपये “ए.एम.एम. सॉल्यूशन” नामक कंपनी को दे दिए।

धोखाधड़ी का खुलासा

  • सितंबर 2024 तक सिर्फ 4-5 महीनों तक लोन की किस्तें भरी गईं।

  • इसके बाद कंपनी ने पैसा देना बंद कर दिया।

  • त्रिभुवन ने जब कंपनी से संपर्क किया, तो कंपनी ने बहाने बनाने शुरू कर दिए।

  • पता चला कि 140 से ज्यादा लोगों को इसी तरह ठगा गया है।

पढ़े-लिखे लोग भी बने शिकार

  • इस स्कीम में शिक्षक, डॉक्टर, सरकारी कर्मचारी और प्राइवेट जॉब करने वाले लोग शामिल हैं।

  • एफआईआर में बताया गया है कि कंपनी ने 2 महिला कर्मचारियों को ऑफिस में बैठा रखा है, जो लोगों को पैसे लौटाने का आश्वासन देती हैं।

  • पीड़ितों को डर है कि कंपनी के लोग कभी भी फरार हो सकते हैं।

अन्य मामलों में भी ठगी

  • आरवी ग्रुप के पार्टनर अभय गुप्ता, मनोज प्रधान, सुरेंद्र सिंह और रागिफ हुसैन पर अन्य 4 लोगों से 1 करोड़ 3 लाख की ठगी का भी आरोप है।

  • मामले की जांच कोतवाली थाना पुलिस कर रही है।

  • एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जल्द आरोपियों से पूछताछ होगी।


छत्तीसगढ़ में एक और लोन घोटाला

बिलासपुर में महिला ने आधार-पैन कार्ड का इस्तेमाल कर लाखों की ठगी की

बिलासपुर में एक महिला ने वी-राइज फाइनेंस कंपनी के नाम पर जरूरतमंद और बीमार लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठगी की।

कैसे हुआ यह घोटाला?

✅ लोगों के आधार और पैन कार्ड लेकर लोन पास करवाया
✅ कर्ज दिलाने के नाम पर AC, LED और मोबाइल जैसी महंगी चीजें खरीद लीं
✅ लोगों को लोन तो मिल गया, लेकिन असल में उन्होंने कुछ भी हासिल नहीं किया

पुलिस जांच जारी

  • पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है।

  • एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।


सबक: ऐसी ठगी से कैसे बचें?

✅ बिना बैंक गए लोन देने वाली कंपनियों पर विश्वास न करें।
✅ किसी भी इन्वेस्टमेंट स्कीम में बिना रिसर्च किए पैसा न लगाएं।
✅ लोन लेने से पहले बैंक से खुद संपर्क करें, किसी एजेंट के भरोसे न रहें।
✅ अगर किसी कंपनी पर संदेह हो तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।

रायपुर और बिलासपुर में हुए इन घोटालों से यह साफ है कि ठगों के जाल में पढ़े-लिखे लोग भी फंस सकते हैं। सावधान रहें और सतर्कता से कोई भी वित्तीय निर्णय लें!

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