पार्टी से निष्कासन की बड़ी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के बिलाईगढ़ ब्लॉक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक टंडन को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने यह कड़ा फैसला लिया।
इस कार्रवाई के पीछे दो बड़े कारण बताए जा रहे हैं:
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धोखाधड़ी का मामला: नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप।
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पार्टी विरोधी गतिविधियाँ: पंचायत चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप।
दीपक टंडन के साथ-साथ उनके साथी राकेश मानिकपुरी पर भी गिधौरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
क्या है पूरा मामला?
कुछ समय पहले बिलाईगढ़ के कांग्रेस नेता दीपक टंडन और राकेश मानिकपुरी पर नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये लेने का आरोप लगा था। आरोप है कि केंद्रीय बैंक में नौकरी लगाने के नाम पर उन्होंने कई लोगों से बड़ी रकम वसूली।
इस मामले की शिकायत पीड़ितों ने गिधौरी थाने में की, जिसके बाद पुलिस ने दोनों नेताओं के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया। जैसे ही यह मामला सामने आया, कांग्रेस पार्टी ने दीपक टंडन को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया।
पहले भी विवादों में थे दीपक टंडन
यह पहली बार नहीं है जब दीपक टंडन पर आरोप लगे हैं। इससे पहले भी पंचायत चुनाव के दौरान उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लग चुका है। पार्टी के खिलाफ काम करने के चलते कांग्रेस के अंदर ही उनके खिलाफ विरोध के स्वर उठे थे।
जब उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ, तो यह कांग्रेस के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया। पार्टी की छवि को नुकसान न पहुंचे, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
एफआईआर दर्ज, अब क्या होगा आगे?
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पुलिस जांच जारी: गिधौरी पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। पीड़ितों से पूछताछ की जा रही है।
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नए खुलासे संभव: पुलिस जांच में और भी नए खुलासे हो सकते हैं।
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कानूनी कार्रवाई: अगर आरोप सही साबित हुए तो दोनों नेताओं पर कानूनी कार्रवाई होगी।
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कांग्रेस की सख्ती: पार्टी ने यह साफ कर दिया है कि ऐसे मामलों में किसी भी नेता को बख्शा नहीं जाएगा।
राजनीति और भ्रष्टाचार: कब सुधरेगा सिस्टम?
राजनीति में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब किसी सत्ताधारी पार्टी के नेता ही धोखाधड़ी में शामिल पाए जाते हैं, तो जनता का विश्वास टूटने लगता है। कांग्रेस ने अपने नेता पर कार्रवाई कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे।
जनता को क्या सबक लेना चाहिए?
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सरकारी नौकरी के झांसे में न आएं: कोई भी नेता या व्यक्ति अगर आपको पैसे लेकर नौकरी दिलाने का वादा करे, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
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हर चीज की जांच करें: पैसे देने से पहले पूरी जानकारी लें कि कहीं आप किसी ठगी का शिकार तो नहीं हो रहे।
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कानूनी कार्रवाई का सहारा लें: अगर किसी ने ठगी की है तो पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।
निष्कर्ष
दीपक टंडन का निष्कासन यह दिखाता है कि कांग्रेस अब अनुशासन और ईमानदारी पर ज्यादा ध्यान दे रही है। धोखाधड़ी के आरोपों के चलते पार्टी को बड़ा झटका लगा है, लेकिन तत्काल कार्रवाई से कांग्रेस ने अपनी छवि को बचाने की कोशिश की है। अब देखना यह होगा कि पुलिस की जांच में क्या नए खुलासे होते हैं और इस मामले का क्या अंजाम होता है।