छत्तीसगढ़ में अवैध शराब का बड़ा नेटवर्क: एक साल में 41 हजार लीटर शराब जब्त, सबसे ज्यादा खेप मध्यप्रदेश से

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मुख्य बिंदु (Highlights):

  • 41,000 लीटर से ज्यादा अवैध शराब जब्त – सिर्फ एक साल में

  • 28,000 लीटर शराब मध्य प्रदेश की, जबकि ओडिशा की केवल 2,100 लीटर

  • 6999 मामलों में कार्रवाई, जब्त शराब की कुल कीमत 6 करोड़ रुपये से अधिक

  • मध्य प्रदेश से आने वाली शराब 20 जिलों तक फैल रही

  • राजधानी रायपुर समेत राज्य के कई जिलों में शराब की खेप पहुंच रही है

  • 7 राज्यों से राजधानी रायपुर तक पहुंच रही अवैध शराब, MP, दिल्ली, पंजाब जैसे राज्यों से


खबर को सरल भाषा में विस्तार से समझिए:

छत्तीसगढ़ में अवैध शराब का कारोबार तेजी से फैल रहा है। बीते एक साल में सरकार की कार्रवाई के दौरान लगभग 41 हजार लीटर अवैध शराब पकड़ी गई है। यह शराब छत्तीसगढ़ में बिना किसी वैध लाइसेंस या अनुमति के लाई जा रही थी। इससे ना सिर्फ राजस्व को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि समाज में भी नशे की लत और अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है।

सबसे ज्यादा शराब कहाँ से आई?

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस अवैध शराब में से सबसे बड़ी मात्रा मध्यप्रदेश से लाई गई थी। आंकड़ों के अनुसार,

  • 28,000 लीटर शराब सिर्फ मध्य प्रदेश से आई।

  • वहीं, ओडिशा की सीमाएं छत्तीसगढ़ से ज्यादा जुड़ी होने के बावजूद, वहां से सिर्फ 2105 लीटर अवैध शराब पकड़ी गई।

इस तुलना से साफ पता चलता है कि मध्य प्रदेश से अवैध शराब की आपूर्ति कहीं अधिक बड़े पैमाने पर हो रही है।


️ किन इलाकों से होकर गुजर रही है शराब?

छत्तीसगढ़ की सीमाएं कई राज्यों से मिलती हैं। जिनमें खासकर:

मध्य प्रदेश से जुड़ने वाले जिले:

  • राजनांदगांव, कवर्धा, मुंगेली, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही

इन इलाकों से होकर मध्य प्रदेश की शराब राज्य में प्रवेश करती है और फिर राज्य के करीब 20 जिलों में पहुंचती है।

ओडिशा से जुड़ने वाले जिले:

  • जशपुर, रायगढ़, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, कोंडागांव, बस्तर, और सुकमा

हालांकि इन जिलों से होकर शराब कम मात्रा में आ रही है, लेकिन यह खतरा बना हुआ है कि भविष्य में यह नेटवर्क और फैल सकता है।


कितनी शराब कहाँ-कहाँ पहुंच रही?

मध्य प्रदेश से लाई जा रही अवैध शराब राज्य के निम्न जिलों तक फैल चुकी है:

  • रायपुर, बिलासपुर, धमतरी, दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव, खैरागढ़, कबीरधाम, कोरबा, मुंगेली, सरगुजा, कोरिया, मनेंद्रगढ़, सूरजपुर, बलरामपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, और बीजापुर।

जप्त शराब की कुल मात्रा: 27,823.91 लीटर सिर्फ मध्यप्रदेश की।


कानून क्या कहता है? सजा का प्रावधान

अगर अवैध रूप से 5 लीटर से कम शराब ले जा रहे हैं:

  • सजा: 6 महीने से 2 साल की जेल

  • जुर्माना: ₹10,000 से ₹50,000

अगर 5 लीटर से ज्यादा शराब ले जा रहे हैं:

  • गैर-जमानती अपराध

  • सजा: 1 से 3 साल तक जेल

  • जुर्माना: ₹25,000 से ₹1,00,000

यदि कोई बार-बार यह अपराध करता है, तो सजा और जुर्माना दोनों और ज्यादा सख्त हो जाते हैं।

  • जेल: 2 से 5 साल

  • जुर्माना: ₹50,000 से ₹2 लाख


✈️ उड़न दस्तों और एजेंसियों की कार्रवाई

इन कार्रवाइयों को अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभाई है:

  • उड़न दस्ते (flying squads)

  • अन्य जांच एजेंसियां

उन्होंने लगातार अभियान चलाकर अवैध शराब की सप्लाई रोकने का प्रयास किया है। हालांकि यह लड़ाई अभी पूरी नहीं हुई है।


राजधानी तक पहुंच रही शराब – 7 राज्यों से

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी अवैध शराब पहुंच रही है। और वो भी सिर्फ पड़ोसी राज्यों से नहीं, बल्कि देश के कई कोनों से।
इनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:

  1. मध्य प्रदेश

  2. हरियाणा

  3. पंजाब

  4. दिल्ली

  5. पश्चिम बंगाल

  6. झारखंड

  7. महाराष्ट्र

हालांकि इन राज्यों से आई शराब की मात्रा कम (1540 लीटर) है, लेकिन यह इस बात का संकेत है कि रायपुर एक संभावित बड़ा बाजार बनता जा रहा है।


निष्कर्ष: अब क्या ज़रूरी है?

  • सरकार को सीमाओं पर निगरानी और कड़ी करनी होगी।

  • बॉर्डर इलाकों में विशेष चेक पोस्ट और टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी जरूरी है।

  • आम जनता को भी सतर्क रहना होगा और अगर कहीं शराब की अवैध बिक्री दिखे तो पुलिस को सूचना देनी चाहिए।

  • साथ ही, जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक करना जरूरी है।


जनहित में अपील:

छत्तीसगढ़ को नशामुक्त बनाना है तो हम सबको साथ मिलकर प्रयास करना होगा।
अवैध शराब न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह हमारी नई पीढ़ी को बर्बादी की ओर धकेलती है।
इसलिए ऐसे कारोबार को बर्दाश्त ना करें और तुरंत सूचना दें।

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