घटना का स्थान और समय छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के अंतर्गत आने वाले वैशाली नगर थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यह घटना 6 अप्रैल 2025 को दोपहर 2 बजे घटी, जब जवाहर नगर स्थित बेन्थो उड़िया समाज के श्री सिंधु पटरानी मंदिर में भंडारा (प्रसाद वितरण) कार्यक्रम आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम मंदिर समिति के द्वारा आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में बैनर को लेकर विवाद शुरू हुआ प्रसाद वितरण स्थल पर मंदिर समिति ने अपने कार्यक्रम से जुड़ा एक बैनर लगाया हुआ था, जिसमें उन लोगों के नाम और तस्वीरें शामिल थीं जिन्होंने इस आयोजन में योगदान दिया था। लेकिन भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव के प्रतिनिधि निरंजन बिसाई जब वहां पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि उस बैनर में उनका नाम और फोटो नहीं है।
इस बात को देखकर निरंजन बिसाई काफी गुस्सा हो गए।
बैनर हटाकर अपना बैनर लगाया गुस्से में आकर निरंजन बिसाई ने मंदिर समिति द्वारा लगाया गया बैनर हटवा दिया और उसकी जगह पर विधायक प्रतिनिधि निरंजन बिसाई वाला बैनर लगा दिया गया। इस कदम से वहां मौजूद उड़िया समाज के अन्य सदस्य और आयोजक भड़क उठे।
उन्होंने इस बात का विरोध किया और कहा कि ऐसा करना गलत है, क्योंकि कार्यक्रम मंदिर समिति द्वारा आयोजित किया गया था, न कि किसी राजनैतिक दल या व्यक्ति द्वारा।
विरोध करने पर मारपीट शुरू हुई जब समाज के लोगों ने बैनर बदलने का विरोध किया, तो विधायक प्रतिनिधि निरंजन बिसाई अपने साथियों, जिनमें जुटिष्टी बिसाई उर्फ राजू और अन्य 2-3 लोग शामिल थे, ने मिलकर मारपीट शुरू कर दी।
इस मारपीट में मुख्य रूप से सिम्हाद्री बिसाई (उम्र 48 साल) और हिर दलाई को निशाना बनाया गया।
दोनों को बुरी तरह पीटा गया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं।
धमकियाँ भी दी गईं घटना के बाद आरोप है कि निरंजन बिसाई और उनके साथी वहां से चले गए, लेकिन जाते-जाते वहाँ मौजूद लोगों को जान से मारने की धमकी भी दी।
उड़िया समाज में गुस्सा, थाने का घेराव इस मारपीट और धमकी की घटना के बाद उड़िया समाज में जबरदस्त आक्रोश फैल गया। समाज के सैकड़ों लोग एकत्र होकर वैशाली नगर थाना पहुंचे और उन्होंने थाने का घेराव किया।
वहाँ नारेबाजी हुई, और लोगों ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और FIR दर्ज करने की मांग की।
पुलिस ने उन्हें शांत किया और मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
FIR में दर्ज नाम वैशाली नगर पुलिस ने इस घटना को लेकर विधायक प्रतिनिधि निरंजन बिसाई, जुटिष्टी बिसाई उर्फ राजू, और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
विधायक प्रतिनिधि का पक्ष जब मीडिया ने इस मामले में विधायक प्रतिनिधि निरंजन बिसाई से बात की, तो उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया और उल्टा आयोजकों पर आरोप लगाया।
️ निरंजन बिसाई ने कहा कि –
“हम लोगों ने समाज का भंडारा किया था, लेकिन शिकायतकर्ता और कुछ अन्य लोगों ने जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की।
उन्होंने जबरन मंदिर समिति का बोर्ड लगा दिया, जिससे कहासुनी हुई और झगड़ा हो गया।”
यानी निरंजन बिसाई का दावा है कि वह कार्यक्रम उनका था, और मंदिर समिति ने जबरदस्ती उसे अपना बताकर बैनर लगा दिया, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ।
समाज का मत और घटना की गंभीरता हालांकि उड़िया समाज के लोगों का कहना है कि कार्यक्रम मंदिर समिति द्वारा आयोजित किया गया था, और उसमें विधायक प्रतिनिधि या किसी भी राजनैतिक व्यक्ति की कोई भूमिका नहीं थी।
इसलिए बिना नाम आने पर विधायक प्रतिनिधि का बुरा मानना और बैनर हटाकर मारपीट करना पूरी तरह से अनुचित और गैरकानूनी है।
कानूनी कार्रवाई की मांग समाज के लोगों ने यह भी मांग की है कि:
-
दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
-
विधायक प्रतिनिधि को उनके पद से हटाया जाए।
-
समाज में शांति भंग करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएं।
निष्कर्ष (Conclusion) इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि छोटे-छोटे अहंकार और राजनीतिक हस्तक्षेप किस तरह सामाजिक आयोजनों की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं।
एक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन को लेकर ऐसा बर्ताव न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि समाज में भय और असुरक्षा का माहौल भी पैदा करता है।