महादेव सट्टा ऐप मामले में गिरफ्तार कोरियर असीम दास के पिता सुशील दास (65) ने आत्महत्या कर ली है। दुर्ग पुलिस ने सुशील दास का शव मंगलवार को गांव के ही कुएं से बरामद किया है। बताया जा रहा है कि बेटे की गिरफ्तारी के बाद से सुशील दास काफी परेशान चल रहा था। मामला अंडा थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक सुशील दास 5 साल से अछोटी में चौकीदार था और रूपेश गौतम के फॉर्म हाउस में काम करता था। ड्यूटी के बाद जब वह अपने कमरे में नहीं मिला और घर नहीं लौटा तो उसकी तलाश शुरू की गई। इस पर फॉर्म हाउस में बने कुएं में ही उसका शव बरामद हुआ।
अंडा थाना प्रभारी आनंद शुक्ला ने बताया कि कुएं से एक डेड बॉडी मिली है, जिसकी पहचान 62 वर्षीय सुशील दास के रुप में की गई है। मामले की जांच की जा रही है।
कौन है असीम दास, जिसे ED ने पकड़ा
2 नवंबर को ED ने रायपुर के ट्रायटॉन होटल में और भिलाई के एक मकान में छापेमारी की थी। इस दौरान 5 करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद हुई। ड्राइवर असीम दास और पुलिस कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपी असीम दास ने करोड़ों रुपए कांग्रेस नेताओं को पहुंचाने की जानकारी दी थी । दोनों आरोपी फिलहाल जेल में हैं।
मकान का ताला तोड़कर घुसी थी ED की टीम
ED को आशंका है कि उसके घर से मिला पैसा ऑनलाइन सट्टा एप का है, जिसे चुनाव में खर्च करने के लिए रखा गया था। ईडी के अधिकारी कार्रवाई के लिए असीम दास के घर का ताला तोड़कर उसके मकान में घुसे थे। असीम दास और कॉन्स्टेबल दोनों पर दुबई में मौजूद सट्टा केस में फरार सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के साथ मिलकर काम करने का आरोप है।
‘जबरन साइन कराया गया’
असीम दास और कांस्टेबल भीम सिंह के वकील शोएब अल्वी ने बताया कि असीम दास ने कोर्ट में कहा है कि उसे फंसाया जा रहा है। बिना बताए उसके साइन लिए गए। असीम ने 10वीं तक ही पढ़ाई की है और अंग्रेजी नहीं आती है लेकिन अंग्रेजी में लिखे स्टेटमेंट में जबरन साइन कराया गया है।
असीम ने कोर्ट में बताया कि वो शुभम सोनी को बस जनता था। साथ ही उसके पुराने परिचित को भी जानता है। शुभम सोनी ने उसे कंस्ट्रक्शन काम के लिए पैसे दिए और उसे पैसे रखने के लिए कहा था। असीम और भीम सिंह के वकील ने न्यायिक रिमांड पर आपत्ति भी जताई है।