ईसाई आदिवासी महासभा ने निकाली रैली : धर्मांतरण के आरोपों को किया ख़ारिज, बोले- समाज को बदनाम करने की साज़िश बंद हो

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खुर्शीद कुरैशी- जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित होली क्रॉस नर्सिंग कॉलेज कुनकुरी से जुड़े हालिया विवाद को लेकर ईसाई- आदिवासी महासभा ने रैली निकाली। इस दौरान बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग रैली में शामिल हुए। लोगों ने जय येसु, धर्म नहीं इंसानियत ज़रूरी और ईसाई समाज को बदनाम करना बंद करो जैसे नारे लगाये गए। 

इस दौरान  ईसाई- आदिवासी महासभा ने SDM को ज्ञापन सौंप कर छात्रा द्वारा लगाए गए आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की। साथ ही कहा- ईसाई समाज को बदनाम करने की साज़िश रचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। महासभा के पदाधिकारियों ने ज्ञापन में कहा कि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित संस्थान को बिना प्रमाण गलत ठहराया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ईसाई समाज शांतिप्रिय है, लेकिन उसके खिलाफ रची जा रही साज़िशों को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आंदोलन की दी चेतावनी 

पदाधिकारियों ने बताया कि, प्रशासन ने उचित कार्रवाई नहीं की, तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। रैली पूरी तरह शांतिपूर्ण रही और प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद रखी गई थी।

क्या है पूरा मामला 

छात्रा अमीषा की शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी इस प्रकरण से जुड़ी चर्चा का विषय बनी। ग्राम-बेहराटोली की छात्रा अमीषा ने वर्ष 2019-20 में कक्षा 11वीं (विज्ञान) वर्ष 2020-21 में कक्षा 12वीं (विज्ञान) की पढ़ाई सेंट मेरीज़ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, दुलदुला से नियमित रूप से की थी। विद्यालय ने जारी प्रमाण पत्र के अनुसार कक्षा 11वीं में उसकी कुल उपस्थिति 98 दिन रही, जबकि कक्षा 12वीं में कोविड-19 के कारण केवल 7 दिन की उपस्थिति दर्ज की गई थी। इसके बावजूद वह बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित हुई और उत्तीर्ण रही।

संस्थान ने धर्मांतरण के आरोपों को किया ख़ारिज 

अमीषा ने होली क्रॉस नर्सिंग कॉलेज में बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया। कॉलेज की ओर से 7 अप्रैल 2025 को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार छात्रा ने 24 जुलाई 2021 को प्रवेश लिया और 31 मार्च 2022 के बाद से कॉलेज में उपस्थित नहीं हुई। कॉलेज ने यह स्पष्ट किया कि छात्रा को समय पर शिक्षण, हॉस्टल, पुस्तकालय और परीक्षा संबंधी सभी जानकारी उपलब्ध कराई गई थी, लेकिन उसने निरंतरता नहीं बरती और बिना सूचना के अनुपस्थित रही। संस्थान ने धर्मांतरण और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया है।

पूर्व विधायक ने भी आरोपों को बताया निराधार 

इस पूरे प्रकरण में होली क्रॉस नर्सिंग कॉलेज तथा वहाँ की प्राचार्य सिस्टर विंसी जोसेफ को सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी समर्थन प्राप्त हो रहा है। पूर्व विधायक कुनकुरी यू. डी. मिंज ने कहा कि, वह वर्षों से होली क्रॉस संस्थान के कार्यों से परिचित हैं और यह संस्था शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान दे रही है। उनके अनुसार इस पर लगाया गया आरोप निराधार प्रतीत होता है और समाज को विभाजित करने वाली ताकतें इसके पीछे हैं।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने की निष्पक्ष जांच की मांग 

जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज सागर यादव ने बयान दिया कि, ऐसे संस्थान सेवा भावना से कार्य करते हैं, किसी प्रकार की धार्मिक जबरदस्ती इनमें नहीं होती। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, लेकिन मीडिया ट्रायल के माध्यम से किसी संस्था को बदनाम करना अन्यायपूर्ण है। कुनकुरी नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील ने कहा कि, प्राचार्य विंसी जोसेफ नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में अनुशासन और सेवा की मिसाल रही हैं। उनके ऊपर लगाए गए आरोप गलत हैं और वे पूरी तरह से उनके साथ खड़े हैं।

1958 से जशपुर जिले में संचालित है होली क्रॉस हॉस्पिटल

होली क्रॉस हॉस्पिटल 1958 से जशपुर क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहा है, अब तक लाखों लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर चुका है। वर्ष 1991 से 2017 तक इस संस्थान में एएनएम (ANM) पाठ्यक्रम संचालित होता रहा। वर्ष 2009 से त्रिवर्षीय जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (GNM) पाठ्यक्रम शुरू किया गया, जिसकी 40 सीटें हैं। वर्ष 2022 से बीएससी नर्सिंग चार वर्षीय पाठ्यक्रम की भी शुरुआत की गई, जिसमें हर वर्ष 40 छात्राओं का नामांकन होता है। संस्थान का 65 वर्षों का इतिहास अनुशासन, सेवा और समर्पण का प्रतीक रहा है। इन सभी वर्षों में यह पहला मौका है जब किसी ने संस्था पर धर्मांतरण का आरोप लगाया है।

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