साहित्यिक कार्यक्रम : शिक्षिका और लेखिका मंजू साहू की अनेक पुस्तकें हुईं प्रकाशित, उत्कृष्ट रचना के लिए किया

Spread the love

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में 14 अप्रैल को जय जोहार साहित्य, संस्कृति संस्थान और , रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में एक खास कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की महिलाओं पर लिखी गई किताब ‘कोसल पुत्री’ के दो भागों में और ‘कहानी गढ़ – छत्तीसगढ़’ सहित कुल छह किताबों का विमोचन किया गया।

कलम की धनी हैं शिक्षिका मंजू साहू 
इस मौके पर छत्तीसगढ़ की 108 महिलाओं को उनके काम के लिए सम्मानित किया गया। बेमेतरा जिले से शिक्षिका मंजू साहू कलम की धनी है। उनमें साहित्यिक ऊर्जा खूब भरी हुई है। वे बहुत ही कर्मठ और कर्तव्यनिष्ठ शिक्षिका है। उन्हें शिक्षा विभाग ने अनेकों सम्मान प्राप्त हो चुके है। शिक्षिका मंजू साहू ने रिसर्च कर छत्तीसगढ़ की महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी केकती बाई बघेल के जीवन पर आलेख तैयार किया है।

कई रचनाएं हुईं प्रकाशित
रचनाकार मंजू साहू की रचनाएं कोसल पुत्री और कहानी गढ़ छत्तीसगढ़ में प्रकाशित है। इसके पूर्व भी इनकी कई रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है। जिनमें मोर बेमेतरा, किसान, पर्यावरण, बेटी बचाओ, स्कूल जाबो, पाठशाला, मां, मन के हारे हार, स्वच्छता, बचपन इत्यादि रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। छत्तीसगढ़ की विभिन्न संस्थाओं से प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और मेडल से सम्मानित हो चुकी है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि समाजसेवी कौशल्या विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि, महिलाओं को अपनी रक्षा के लिए स्वयं सजग होना होगा।

समस्त क्षेत्र में आगे हैं छत्तीसगढ़ की महिलाएं
छत्तीसगढ़ की महिलाएं जीवन के विविध रंगों में लिख रही हैं। छत्तीसगढ़ की महिलाएं सभी क्षेत्रों में आगे हैं। घर-परिवार के अलावा राज्य की संस्कृति के संरक्षण में वे अत्यधिक सक्रिय हैं। छत्तीसगढ़ साहित्य के मामले में उर्वरा भूमि है। प्रस्तुत पुस्तक अनुसंधान के बाद लिखा गया है। इसलिए यह प्रमाणिक इतिहास की तरह है। विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की सचिव अभिलाषा बेहार ने लेखिकाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए बधाई दी। मुख्य अतिथि कौशल्या विष्णुदेव साय ने कोसल पुत्री, कहानी गढ़ छत्तीसगढ़ सहित अन्य पुस्तकों का विमोचन किया। 

कार्यक्रम में कई जानी-मानी महिलाएं रहीं मौजूद
इस अवसर पर पद्मश्री शमशाद बेगम, उषा बारले, सहित 108 नारी शक्तियों का सम्मान किया। समारोह में छत्तीसगढ़ के विविध जिलों की लेखिकाएं उपस्थित थीं। संस्था के अध्यक्ष डॉ सीमा निगम ने जानकारी देते हुए बताया छत्तीसगढ़ में इस तरह का आयोजन पहली बार हुआ है। छत्तीसगढ़ की विशिष्ट महिला प्रतिभाओं पर आधारित कौशलपुत्री नामक पुस्तक दो भागों में प्रकाशित की गई है। जिसे छत्तीसगढ़ के ही महिला रचनाकारों ने रिसर्च कर आलेख के रूप में तैयार किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *