विभागीय समीक्षा बैठक : निविदा में दोषी पाए गए 108 ठेकेदारों पर होगी कार्रवाई, जल संसाधन विभाग के कार्यों का निरिक्षण करेगी संभाग स्तरीय उड़नदस्ता

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रायपुर। जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में विभागीय समीक्षा बैठक संपन्न हुई। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्यों की समीक्षा कर तेजी से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। वहीं समीक्षा के दौरान दोषी पाए गए 108 ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इस दौरान मुख्य अभियंताओं के साथ कार्यपालन अभियंता स्तर तक के सभी अधिकारी उपस्थित रहे। 

जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि, विष्णुदेव साय सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्रवाई कर रही है। इससे पहले हुई बैठक में ठेकेदारों के विरुद्ध टेंडर सम्बंधित शिकायतों पर कार्रवाई करने कहा था। इस दौरान प्रमुख सचिव और प्रमुख अभियंता को निर्देशित किया है कि, जिन ठेकेदारों ने निविदा में भाग लेते समय गलत जानकारी दिया है, टेंडर लेने का प्रयास किया गया है। ऐसे दोषी पाये गये लगभग 108 ठेकेदारों के विरूद्ध एक सप्ताह के भीतर ईएमडी राजसात एवं 1 साल के लिए निविदा प्रकिया से बाहर करें।

Departmental review meeting
विभागीय समीक्षा बैठक

बस्तर के लोगों को जल समस्या से जल्द मिलेगी राहत – केदार कश्यप 

मंत्री ने कार्रवाई नहीं जानकरी होने पर प्रमुख अभियंता को एक सप्ताह के भीतर तत्सम्बन्ध कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देशित किया है। जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि, सरकार की मंसा जल नियोजन की दिशा में बेहतर कार्य करना है। छत्तीसगढ़ प्रदेश का जल प्रबंधन पुरे देश में आदर्श बने इसके लिये हमें कार्य करना हैं। बस्तर संभाग में जल संसाधन विभाग के कार्यों के लिये अनेको संभावनाएं हैं। वर्तमान में हमारी योजना देऊरगांव और मटनार को लेकर स्पष्ट है। जल्द ही कार्य प्रारम्भ होगा। इस योजना के माध्यम से बस्तर क्षेत्रवासियों को जल समस्या से राहत मिलेगी।

मैं स्वयं कार्यों का मॉनिटरिंग करूंगा – केदार कश्यप 

मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि, किसानों को भी सिंचाई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और इंद्रावती के जल का समुचिय उपयोग होगा। मैं स्वयं इस योजना और कार्य की मॉनिटरिंग करूँगा। वर्तमान समय में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिशा- निर्देश पर अंतरराज्यी जल विवादों को सुलझाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, वे स्वयं समक्का,जोरानाला, पोलावरम का स्थल भ्रमण करेंगे। 

सुशासन तिहार के माध्यम से शिकायतों का हो जल्द निराकरण 

जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश देते हुए मंत्री ने कहा कि, सुशासन तिहार लोगों की समस्यायों के निराकरण के लिए मनाया जा रहा है। जिसके तहत सभी शिकायतों और मांगों का वर्गीकरण कर मई माह के अंतिम तिथि तक आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित करें। मंत्री ने आगे कहा कि, इस कार्य के लिये सभी कार्यालयों से समन्वय स्थापित करने और प्रमुख अभियंता कार्यालय में प्रभारी अधिकारी भी नामित करें। साथ ही जो आवेदन विभाग से संबंधित नहीं है, उसे संबंधित विभाग को 2 दिवस के भीतर हस्तांतरित करें।

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कार्यों की समीक्षा करते हुए मंत्री केदार कश्यप

स्थानीय जनप्रतिनिधि से समन्वय स्थापित कर प्राथमिकता सूची बनाये 

जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करने के लिये विधानसभावार 5-5 कार्यों की प्राथमिकता सूची स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चर्चा करने के लिए कहा है। साथ ही एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने इसके साथ ही विभाग में नये दर अनुसूची 2025 का विमोचन 7-10 दिवस के भीतर करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा प्रशासकीय स्वीकृति के लिए प्राथमिकता सूची में शामिल योजनाओं का डी.पी.आर. नये SOR दर पर तैयार करने और प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त योजनाओं में निविदा स्वीकृति का कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए।

लापरवाही बरतने वाले पर होगी कार्रवाई 

जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि, विभागीय कार्यों को पूर्ण करने में कठिनाई उत्पन्न होने पर विभागीय अधिकारीगण आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य को पूर्ण करने के लिए विशेष प्रयास करें। ताकि लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ समय में मिल सके। निर्माण कार्यों में उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित किया जाये। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता में कोताही बरतने पर संबंधित अधिकारियों पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी।

उड़नदस्ता करेगी निर्माण कार्यों की गुणवत्ता निरिक्षण

समीक्षा बैठक के दौरान आज मंत्री केदार कश्यप ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के निरीक्षण हेतु 03 संभाग स्तरीय उड़नदस्ता की टीम बस्तर संभाग, रायपुर-दुर्ग संभाग एवं बिलासपुर-सरगुजा संभाग में सुशासन तिहार के मध्य में निरीक्षण किये जाने हेतु तत्काल गठित किया किया है। मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि, वे विभागीय कार्यों में लापरवाही नहीं चाहते। जल संसाधन विभाग के निर्माण कार्यों में अब मुख्य अभियंता 5 प्रतिशत कार्यों का और अधीक्षण अभियंता 10 प्रतिशत कार्यों का एवं कार्यपालन अभियंता 100 प्रतिशत कार्यों का अलग – अलग निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी के विजन से बदलेगा छत्तीसगढ़ 

मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि, जल संरक्षण और जल श्रोतों का संवर्धन सिर्फ़ नीतिगत मामला नहीं है, यह एक प्रयास भी है और एक गुण भी है। इसमें उदारता भी है और ज़िम्मेदारी भी। उन्होंने कहा, जल वह पहला मापदंड होगा जिसके आधार पर हमारी आने वाली पीढ़ियां हमारा मूल्यांकन करेंगी। मंत्री कहा कि, ऐसा इसलिए है क्योंकि जल सिर्फ़ एक संसाधन नहीं है, बल्कि यह जीवन और मानवता के भविष्य से जुड़ा सवाल है। जल संरक्षण, टिकाऊ भविष्य के लिए 9 संकल्पों में सबसे प्रमुख है।

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