गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मुठभेड़ के बाद जवानों ने नक्सलियों के कैम्प पर कब्जा कर लिया है। जहां से 6 लाख रुपये नगद,11 नग लेपटॉप 11 समेत विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ है। नारायणपुर पुलिस द्वारा संचालित संयुक्त नक्सल विरोधी माड़ बचाव अभियान के तहत यह बड़ी सफलता मिली है।
नारायणपुर के अबूझमाड़ थाना कोहकामेटा क्षेत्र के कसोड़-कुमुरादी के जंगल में माड़ डिवीजन के साथ मुठभेड़ हुई। इस दौरान हथियारबंद सीनियर कैडर नक्सली अपने दैनिक उपयोगी सामग्री छोड़ कर भागे। मुठभेड़ में बड़ी संख्या में नक्सलियों के मारे जाने और घायल होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं सुरक्षाबलों की कड़ी करवाई में नक्सलियों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा है।
पुनर्वास नीति का दिखा बड़ा असर
वहीं सुकमा जिले में कुल 22 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। जिनमें एक नक्सल दम्पति भी शामिल है। सभी नक्सली माड़ डिवीजन एवं नुआपाडा डिवीजन के सदस्य हैं। शासन के नक्सल मुक्त ग्राम पंचायत के अभियान के तहत 22 नक्सलियों को सरेंडर कराने में बड़ी सफलता मिली है। आत्मसमर्पण करने वालों में 9 महिलाएं और 13 पुरुष शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति एवं नियद नेल्लानार योजना से प्रभावित होकर नक्सली लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं। साथ ही अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापना से बढ़ते पुलिस के प्रभाव से भी नक्सली घबराये हुए हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों पर 1 पुरुष, 1 महिला नक्सली पर 08- 08 लाख, 1 पुरुष, 1 महिला नक्सली पर 5 – 5 लाख, 2 पुरुष, 5 महिला 2- 2 लाख, 1 पुरुष नक्सली पर 50 हजार, कुल 40 लाख 50 हजार रूपये के ईनाम घोषित है।
पुलिस और सीआरपीएफ की बड़ी भूमिका
छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल मुक्त ग्राम पंचायत को 1 करोड़ रुपये विकास कार्यों के प्रोत्साहन देने की योजना है। आत्मसमर्पित नक्सलियों पर कुल 40 लाख पचास हजार रूपये का ईनाम घोषित था। नक्सलियों को आत्मससमर्पण के लिए प्रोत्साहित कराने में जिला बल, डीआरजी सुकमा, रेंज फिल्डटीम (आरएफटी) कोंटा, सुकमा, सीआरपीएफ की विशेष भूमिका रही है।