राहुल भूतड़ा- बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में भीषण गर्मी से एक और वन्य प्राणी की मौत हो गई। जहां के बालोद वनपरिक्षेत्र अंतर्गत स्थित ग्राम नारागांव के सियादेवी मंदिर स्टॉप डेम के पास नील गाय मृत मिली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा। वहीं वन विभाग की टीम ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जांच रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
बीते दिनों बालोद जिले में भालू की मौत और दफन मामले में जांच टीम ने डीएफओ को रिपोर्ट सौंपी थी। सुरक्षा श्रमिक कीर्तन कुंजाम और अग्नि प्रहरी इन्द्रराज ने ही भालू के चारो पंजों और गुप्तांग को काटकर अलग किया था। इस मामले में ईश्वर लाल, मनोहर और चरण कुमार साहू भी शामिल थे। किसी भी ने भी आलाधिकारियों को इसकी सूचना नहीं दी थी।
कार्रवाई के दिए थे निर्देश
मामले में दोषियों पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई कर प्रकरण प्रस्तुत करने के डीएफओ ने बालोद रेंजर को निर्देश दिए थे। बता दे कि, एक महीने पहले किल्लोबाहरा के तांदुला डुबान क्षेत्र में भालू का शव मिला था। जिसे वन विभाग के ही अफसरों और कर्मचारियों ने बिना सूचना दिए दफना दिया था। मामले में डिप्टी रेंजर सहित दो बीट गार्ड को पहले ही निलंबित हो चुके हैं।
दो वन कर्मी किए गए थे निलंबित
भालू के मौत मामले में रेंजर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। वहीं इस कार्यवाही के बाद से ही वन विभाग में हड़कंप मच गया था। कुछ दिन पहले तांदुला डुबान छेत्र में किल्लेबाहरा में भालू की मौत हुई थी। जिसे वन विभाग के कर्मचारियों ने दफना दिया था। जिसके बाद पूरा मामला विवादों में आ गया था। मीडिया में खबर चलते ही मामले में वन विभाग के अफसरों ने संज्ञान लिया था।