बिलासपुर। जिला कोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र और चुनाव में तय लिमिट से अधिक खर्च करने के मामले में महापौर एल. पद्मजा उर्फ पूजा विधानी को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कलेक्टर अवनीश शरण, चुनाव ऑब्जर्वर विनीत नंदनवार, अपर कलेक्टर आरए कुरुवंशी, निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह के साथ ही 6 अन्य महापौर प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी प्रमोद नायक ने पूजा विधानी पर फर्जी जाति प्रमाण लगाने का आरोप लगाया है।
दरअसल, नगर निगम चुनाव में भाजपा ने महापौर पद के लिए पूजा विधानी को उम्मीदवार बनाया था। इस दौरान उनकी जाति प्रमाण पत्र को लेकर कांग्रेस की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई। साथ ही चुनाव में 25 लाख खर्च करने की लिमिट थी, लेकिन आरोप है कि पूजा विधानी ने ज्यादा खर्च किए हैं। इसे लेकर कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी प्रमोद नायक ने जिला कोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है।
इस याचिका में कहा गया कि चुनाव के दौरान नियमों की अवहेलना की गई है। चुनाव के नियमों के अनुसार समयावधि में निराकरण करना था, लेकिन अधिकारियों ने निराकरण नहीं किया। चुनाव अधिकारियों ने चुनाव प्रक्रिया जारी रख प्रतिवादी के निर्वाचित होने में भूमिका अदा की। याचिका में महापौर विधानी के निर्वाचन को शून्य घोषित करने, अधिकारियों पर कार्रवाई करने और याचिका से संबंधित खर्च की मांग की गई है।
हाईकोर्ट भी पहुंचा था मामला
ज्ञात हो कि बिलासपुर महापौर विधानी की जाति का विवाद हाईकोर्ट भी पहुंचा था। बसपा के उम्मीदवार ने रिटर्निंग ऑफिसर के द्वारा जाति प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया जारी होने और छानबीन समिति का मामला बताते हुए याचिका खारिज कर दी थी। इससे पहले इस जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताने के आरोप को रिटर्निंग ऑफिसर आरए कुरुवंशी ने खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि, जाति का मामला छानबीन समिति का है।