छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। यहां पर 5 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इस दौरान सरेंडर करने वाले जोनल डॉक्टर डिप्टी कमाण्डर और एलओएस सदस्य सहित 5 माओवादियों ने समाज की मुख्य धारा में जुड़ने की शपथ ली है। सभी नक्सली कुतुल और इन्द्रावती एरिया कमेटी अन्तर्गत सक्रिय थे।
2025 में नारायणपुर अन्तर्गत अब तक कुल 97 बड़े/छोटे कैडर के माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। माओवादियों को प्रोत्साहन राशि 50 हजार का चेक प्रदाय किया गया। साथ ही उन्हें नक्सल उन्मुलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाया जायेगा। नारायणपुर पुलिस समेत आईटीबीपी, बीएसएफ, एसटीएफ की संयुक्त बल माओवादियों के विरूद्ध लगातार नक्सल विरोधी माड़ बचाव’ अभियान चलाया जा रहा है।
सभी पर थे लाखों के इनाम
नक्सल उन्मुलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित किया जा रहा है। जिसके कारण नक्सलियों में भय का माहौल बना हुआ है। इसी भय के चलते नक्सली अब मुख्य धारा की ओर रुख कर रहे हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में दसरी ध्रुव जोन डॉक्टर टीम डिप्टी कमाण्डर, ईनामी 2 लाख, छन्नू गोटा, नेलनार एलओएस सदस्य, ईनामी 1 लाख, ज्योति वड्डे उर्फ कुटके, जनमिलिशिया सदस्य ईनामी 1 लाख, सीता वड्डे, इन्द्रावती एलओएस सदस्य, ईनामी 1 लाख, इरपे उर्फ सुनीता वड्डे, इन्द्रावती एलओएस सदस्य ईनामी 1 लाख शामिल है।

पुनर्वास नीति से प्रभावित हो रहे नक्सली- एसपी
एसपी नारायणपुर प्रभात कुमार ने बताया कि, सरकार की पुनर्वास नीति के फायदे, घर, नौकरी ने इन्हें आकर्षित किया है। इन्होने आत्मसमर्पण माड़ एवं खुद की भलाई के लिए सोचा है, और माड़ बचाओ अभियान ने उन्हें अब एक नई आस दी है। माओवादी की विचारधारा में भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते है। हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है। अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों सौंप देने का है जहाँ वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सके।
पकड़े गए 3 नक्सली
IED विस्फोट की घटना में शामिल 3 माओवादियों को पकड़ने में नारायणपुर पुलिस को सफलता मिली है। ग्राम मरकुड़-जड्डा के जंगल में IED विस्फोट की चपेट में आने से ग्रामीण राजेश उसेण्डी की मृत्यु और रामलाल कोर्राम घायल हुए थे। पकड़े गए नक्सली कुतुल एरिया कमेटी अन्तर्गत सक्रिय सहयोगी के रूप में कार्यरत थे। मामला थाना कोहकामेटा का है।
IED चपेट में आने से एक ग्रामीण की हुई थी मौत
4 अप्रैल को कानागांव के लगभग 25 से अधिक ग्रामीण फलझाड़ू तोड़ने जंगल की ओर गये थे। इस दौरान नक्सली के लगाये प्रेसर IED के चपेट में आने से राजेश उसेण्डी, रामलाल कोर्राम गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से एक ग्रामीण की मौत हो गई जबकि दो लोगों का इलाज जारी है।