छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में जल जीवन मिशन के तहत पलारी नगर पंचायत को जल संकट से निजात दिलाने की करोड़ों की योजना आज भी जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। योजना के अंतर्गत अमेठी में महानदी से पानी खींचकर पलारी नगर तक लाने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई गई थी। इसके लिए टंकी निर्माण, पाइपलाइन बिछाने, फिल्टर प्लांट और इंटेक वेल का निर्माण भी किया गया। इसका 80 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण भी हो चुका है ,परंतु आज तक नगर में एक बूंद भी पानी नहीं पहुंचा।
स्थानीय नागरिकों की मानें तो यह योजना पूरी तरह से विफल हो चुकी है। नदी सूखी पड़ी है और अमेठी गांव के लोग भी पानी के लिए परेशान हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब पानी का स्रोत ही भरोसेमंद नहीं था, तो अफसरों ने ऐसी योजना ही क्यों बनाई?
टंकी को बने चार साल हो गए लेकिन पानी एक बूंद नहीं
नगर पंचायत की पानी टंकी को बने चार साल हो गए हैं, लेकिन उससे अब तक एक बूंद भी पानी नहीं मिला। आज भी नगर के हर वार्ड में पानी की सप्लाई केवल टैंकरों के माध्यम से हो रही है, जिससे शासन को अतिरिक्त आर्थिक भार उठाना पड़ रहा है। इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अफसरों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। जिन्होंने बिना फील्ड निरीक्षण के योजनाएं बनाई और करोड़ों की जनता की कमाई बर्बाद कर दी।