छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर से एक बड़ा साइबर फ्रॉड सामने आया है, जिसमें करोड़ों रुपये का लेन-देन संदिग्ध रूप से किया गया। ये धोखाधड़ी वैशाली नगर स्थित केनरा बैंक की एक शाखा से जुड़ी हुई है, जहां 111 संदिग्ध बैंक खाते खोले गए थे। इन्हीं खातों में से एक खाता उमा शर्मा के नाम पर था, जिसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है।
✅ कौन हैं उमा शर्मा?
गिरफ्तार की गई महिला का नाम उमा शर्मा, उम्र 43 वर्ष है। वह अपने पति संजीव शर्मा के साथ कैलाश नगर हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहती है। पुलिस जांच में पता चला है कि उमा शर्मा के बैंक खाते में अचानक 5 करोड़ रुपये आए और फिर यह बड़ी रकम तुरंत ही दिल्ली स्थित एक कॉर्पोरेट अकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई।
कैसे हुआ खुलासा?
इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब बैंक की शाखा में भारी भरकम ट्रांजैक्शन दिखा। बैंक को यह संदेह हुआ कि यह किसी साइबर ठगी से जुड़ा मामला हो सकता है। जब जांच की गई तो पता चला कि यह खाता पहले से ही संदेह के घेरे में था और एक साल पहले इसे होल्ड पर डाल दिया गया था।
जैसे ही इस बात की पुष्टि हुई, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उमा शर्मा को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसे न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया है।
क्या है म्यूल अकाउंट?
यहां एक जरूरी बात समझनी होगी – ये जो बैंक अकाउंट्स इस्तेमाल किए गए हैं, उन्हें “म्यूल अकाउंट” कहा जाता है। इसका मतलब है कि ऐसे बैंक अकाउंट जिनका इस्तेमाल केवल अवैध पैसों के ट्रांजैक्शन के लिए किया जाता है। इसमें खाता धारक खुद शामिल हो या ना हो, लेकिन उसका खाता अपराधियों के लिए पैसा इधर-उधर करने का जरिया बनता है।
केनरा बैंक मैनेजर की शिकायत से शुरू हुई कार्रवाई
केनरा बैंक के वैशाली नगर शाखा प्रबंधक परमाल सिंह सिंगोदिया, उम्र 40 वर्ष, ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि बैंक की जांच में 111 खातों में साइबर फ्रॉड और अन्य संदिग्ध लेन-देन की पुष्टि हुई है।
बैंक ने तत्काल इन खातों को होल्ड में डाल दिया है और पाया गया कि अब भी इनमें 22 लाख 5 हजार 173 रुपये जमा हैं।
110 संदिग्ध खाताधारकों की तलाश जारी
हालांकि पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार कर लिया है, पर अभी भी 110 म्यूल अकाउंट्स के मालिकों की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस विभाग के सूत्रों का कहना है कि इन खातों से जुड़े लोग सामान्य नागरिक हो सकते हैं या किसी गिरोह से भी जुड़े हो सकते हैं।
भिलाई पुलिस की जांच तेज हो गई है, खासकर जब से नए एसपी विजय अग्रवाल ने अपना कार्यभार संभाला है। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले से जुड़े अन्य बड़े नाम और चेहरे भी सामने आ सकते हैं।
क्या आप भी साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं?
आजकल साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अपराधी लोगों के आधार, पैन कार्ड, बैंक डिटेल्स या मोबाइल नंबर का गलत इस्तेमाल कर खाते खोलते हैं। फिर इन खातों का इस्तेमाल अवैध ट्रांजैक्शन्स के लिए करते हैं। कई बार खाता धारक को इस बात की भनक भी नहीं लगती कि उनके नाम पर कोई अपराध हो रहा है।
क्या करें ताकि आप फंसें नहीं:
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कभी भी अपनी पहचान से जुड़ी जानकारी (KYC डॉक्यूमेंट्स) किसी अंजान व्यक्ति या संस्था को न दें
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अगर किसी ने पैसों का लालच देकर आपके नाम से खाता खुलवाने की बात की है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें
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समय-समय पर अपने बैंक अकाउंट्स की ट्रांजैक्शन हिस्ट्री चेक करें
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अगर आपको लगता है कि आपके नाम पर कोई फर्जी खाता खुला है, तो तुरंत बैंक और साइबर क्राइम सेल को सूचना दें
निष्कर्ष:
भिलाई में सामने आया यह मामला यह दिखाता है कि साइबर अपराध किस हद तक बढ़ चुके हैं, और अब ये आम नागरिकों को भी सीधे तौर पर प्रभावित कर रहे हैं। पुलिस की सख्त कार्रवाई से यह उम्मीद जागी है कि आने वाले समय में इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगेगी और आम लोग ऐसे जाल में फंसने से बच पाएंगे।
अगर आपको भी किसी तरह की संदिग्ध बैंकिंग गतिविधि की जानकारी मिलती है, तो साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तुरंत कॉल करें।