सबसे बड़े ऑपरेशन की दहशत : नक्सलियों ने पत्र जारी कर की अपील, ऑपरेशन तुरंत रोककर बात करे सरकार

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर- तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ चार दिनों से सबसे बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। इसी बीच नक्सलियों की प्रतिक्रिया सामने आई है। जिसमें उन्होंने पत्र जारी कर नक्सलियों ने बीजापुर तेलंगाना सीमा पर चल रहे अभियान को तत्काल रोकने की अपील की है।  

शांति वार्ता के लिए आगे आने की अपील करते हुए नक्सलियों के उत्तर पश्चिम बस्तर ब्यूरो के प्रभारी रूपेश ने किया प्रेस नोट जारी किया है। जिसमें उन्होंने बीजापुर- तेलंगाना सीमा पर जारी बड़े सैन्य अभियान को तुरंत रोकने की अपील की है। 

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डिहाइड्रेट हुए 40 जवान 

वहीं बीजापुर और तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ चलाया जा रहा था। सबसे बड़े ऑपरेशन के दौरान 40 से ज्यादा जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए हैं। पीड़ित जवानों को सेना के हेलिकॉप्टर से तेलंगाना के भद्राचलम के अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। जवान पिछले चार दिनों से भीषण गर्मी में नक्सलियों से लोहा ले रहे हैं। अब तक तीन नक्सली हुए ढेर,एक जवान भी घायल होने की खबर है।

वहीं गुरुवार को तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ भारत का सबसे बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया गया। मारे गए पांच नक्सलियों में से 3 महिला नक्सलियों का शव बरामद किया गया था। मारे गए नक्सली PLGA बटालियन नंबर 1 की हैं। घटनास्थल से बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार बरामद हुआ था। 

हथियारों से लैस वायु सेना के MI17 के हेलिकॉप्टर किए गए तैनात 

दो दिन पहले ही ऑपरेशन के लिए अत्याधुनिक हथियारों से लैस वायु सेना के MI17 के हेलिकॉप्टर जगदलपुर, बीजापुर, तेलंगाना, आंध्र और महाराष्ट्र में तैनात किए गए। ड्रोन के जरिए पूरे इलाके की निगहबानी की जा रही है। हेलीकॉप्टर के जरिए जवानों की खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। इस ऑपरेशन पर छत्तीसगढ़ समेत देशभर की सुरक्षा एजिंसीयो की नजर टिकी हुई है। बीजापुर समेत महाराष्ट्र और तेलंगाना में पुलिस के आला अधिकारी मौजद हैं। तीन राज्यों से ऑपरेशन पर नजर रखी जा रही है। जवानों के निशाने पर कररेगुट्टा और नीलम सराय पहाड़ी है,जहां बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर नक्सल इतिहास के सबसे बड़े ऑपरेशन को लॉन्च किया गया। 

करीब 5 हजार जवानों ने की थी घेराबंदी

बता दें कि, छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र की सीमा पर करीब 5 हजार जवान तैनात किए गए हैं। जवानों ने हिड़मा, दामोदर, देवा समेत कई बड़े लीडर और उनकी बटालियन को घेर लिया था। करीब 300 नक्सलियों के मौजूदगी की सूचना मिली है। यह ऑपरेशन 12 घंटे से अधिक समय से चल रहा था। इंटेलिजेंस के अनुसार, नक्सलियों के पास पर्याप्त राशन-पानी नहीं है।

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