‘महादेव’ की तरह नया सट्टा ऐप : छत्तीसगढ़ से दिल्ली जाकर ऑपरेट करने वाले 6 सटोरिए पकड़े गए

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रायपुर। आईपीएल क्रिकेट से लेकर तमाम तरह के ऑनलाइन सट्टा संचालन पर रोक लगाने पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है, बावजूद इसके सटोरिए पुलिस को चुनौती देते हुए सट्टा संचालन कर रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने दिल्ली में दबिश देकर का-बुक नामक नए पैनल की पहचान कर 6 सटोरियों को गिरफ्तार किया है। का-बुक के नाम से चल रहे ऑनलाइन सट्टे में सौ से ज्यादा पैनल संचालित होने की जानकारी पुलिस को मिली है। गिरफ्तार आरोपियों में एक मध्यप्रदेश का रहने वाला है।

ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा संचालन करने के आरोप में पुलिस ने रायपुर निवासी राकेश मदनानी उर्फ डाकी, विकास तारवानी  उर्फ बाबू, बिलासपुर निवासी घनश्याम मनूजा उर्फ बबलू, गगन तोलानी, धमतरी निवासी विवेक नरसिंघानी तथा मध्यप्रदेश जबलपुर निवासी धर्मेंद्र राजानी उर्फ सोनू को गिरफ्तार किया है। दिल्ली के द्वारिकापुरी से राकेश मदनानी सट्टा संचालित कर रहा था। पुलिस के मुताबिक राकेश के भाई को पूर्व में खम्हारडीह थाने की पुलिस ने सट्टा संचालित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, उसी की निशानदेही पर पुलिस ने दिल्ली में छापे की कार्रवाई की।

खुद का पैनल बनाकर सट्टा संचालन 

ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा संचालित करने के आरोप में जिस पैनल पर कार्रवाई की गई है। वह एक नया पैनल है। का-बुक नामक पैनल का महादेव सट्टा एप से किसी तरह से लिंक है या नहीं, पुलिस इसकी पड़ताल करने की बात कह रही है। अलग-अलग नाम से संचालित ज्यादातर पैनल को महादेव सट्टा ग्रुप ने पैसे देकर खरीद लिया है।

अब तक के 21 प्रकरणों में 63 गिरफ्तार 

राजधानी में सट्टे का मकड़जाल किस तरह फैला हुआ है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस ने एक माह के भीतर ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा के 21 प्रकरण दर्ज कर 63 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस लिहाज से पुलिस हर दूसरे दिन ऑनलाइन सट्टा खिलाने का मामला दर्ज कर रही है। लगातार कार्रवाई के बाद भी सट्टा संचालित होने का मतलब है सटोरियों को पुलिस कार्रवाई का किसी तरह से भय नहीं है।

इस बात की भी पड़ताल 

अन्ना रेड्डी से लेकर तीन दर्जन से ज्यादा छोटे-बड़े सट्टा पैनल को महादेव एप के प्रमोटरों ने खरीदकर अपने पैनल में मर्ज कर लिया है। ऐसे में का-बुक नामक सट्टा पैनल अब तक महादेव ग्रुप से कैसे बाहर रहा है, पुलिस इसकी पड़ताल करने की बात कह रही है। महादेव सट्टा एप ऐसे सट्टा पैनल, जो थोड़े ऊपर उठने लगते हैं, उसे खरीद कर अपने पैनल में मर्ज कर लेता है। का-बुक के सौ से ज्यादा पैनल हैं, ऐसे में इस ग्रुप में करोड़ों रुपए का सट्टा संचालित होने का अनुमान पुलिस लगा रही है।

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