स्कूल शिक्षा विभाग ने छात्रों के पोषण आहार में सुधार की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है। विभाग ने अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के साथ एक एमओयू साइन किया है, जिसके तहत राज्य के 7 जिलों के सभी स्कूली छात्र-छात्राओं को मध्याह्न भोजन के साथ रोजाना अंडा मिलेगा।
एमओयू की जानकारी उप संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दे दी गई है। मीडिया ने प्रमुखता के साथ कुपोषण का मुद्दा उठाया। 26 नवंबर को प्रकाशित खबर में बताया कि केंद्र और राज्य के बीच कैसे कुपोषण के आंकड़ों में दोगुने का अंतर है, यही वजह है कि योजनाएं बनाने में अड़चन आ रही है।
इस योजना में 6 माह से 6 साल तक के बच्चे शामिल हैं। वहीं 27 नवंबर को प्रकाशित खबर में स्कूलों में बंटने वाले मध्याह्न की हकीकत को सामने रखा। बताया कि प्राइमरी स्कूल के छात्रों को सिर्फ 5.69 रुपए में पोषणयुक्त खाना खिलाना है, जो संभव नहीं। विभागीय अधिकारी खुद इसे स्वीकार कर रहे हैं। दबी जुबान में कह रहे हैं कि योजना केंद्र की है, निर्णय केंद्र को लेना है। इन जिलों में मिलेगा अंडा- बलरामपुर, सरगुजा, जशपुर, रायगढ़, सूरजपुर, कोंडागांव और नारायणपुर। इन जिलों का चयन इसलिए किया गया क्योंकि यहां कुपोषण अपेक्षाकृत अन्य जिलों की तुलना में अधिक है।
टेंडर जारी करने के निर्देश जनवरी से मध्याह्न भोजन की थाली में अंडा परोसा जाने की तैयारी है। 7 जिलों के स्कूलों में अंडा मुहैया करवाने के लिए टेंडर जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। -महेश नायक, सहायक संचालक, स्कूल शिक्षा विभाग।