जगदलपुर। बीजापुर-तेलंगाना की सीमा स्थित करेंगुट्टा की पहाड़ी में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे देश के सबसे बड़े एंटी नक्सल ऑपरेशन के 9वे दिन फोर्स ने नक्सलियों के कब्जे से दो पहाड़ धोबे व नीलम सराय को मुक्त कर तिरंगा फहरा दिया है। अब अंतिम टारगेट करेंगुट्टा पहाड़ की ओर फोर्स ने कूच कर दिया है। आने वाले चार दिन के भीतर करेंगुट्टा से नक्सलियों को खदेड़ते हुए फोर्स का कब्जा होने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है
संकल्प अभियान के 9वे दिन फोर्स ने दो पहाड़ धोबे व नीलम सराय पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है। गौरतलब है कि नक्सलियों के खिलाफ पिछले 9 दिन से चलाए जा रहे सबसे बड़े एंटी नक्सल ऑपरेशन में फोर्स को लगातार सफलता मिल रही है। नवमें दिन नक्सलियों के कब्जे में रही तीन प्रमुख पहाड़ियों में से दो अब पूरी तरह से सुरक्षा बलों के नियंत्रण में हैं। धूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित धोबे पहाड़ को जवानों ने पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया है। इससे 24 घंटे पूर्व नीलम सराय पहाड़ी पर भी जवानों ने कब्जा कर लिया था। अब अंतिम टारगेट करेंगुट्टा की पहाड़ी है, जिसकी ओर फोर्स ने कूच कर दिया है। इसी करेंगुट्टा पहाड़ पर करोड़ों के उनामी कई सेंट्रल कमेटी मेंबर व मिलिट्री बटालियन के शीर्ष नक्सलियों ने अपना डेरा डाला हुआ है।
चार दिन में करेंगुट्टा फतह की बनी रणनीति, आपरेशन निर्णायक मोड़ पर
आने वाले चार दिन में फोर्स करेंगुट्टा पहाड़ पर कब्जा कर लेगी। इसके लिए जवान पूरी तरह मुस्तैद है। ऑपरेशन का अगला व अंतिम लक्ष्य करेंगुट्टा पहाड़ी है, जो रणनीतिक दृष्टि से काफी अहम मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि यहीं पर करोड़ों के इनामी शीर्ष माओवादियों की मौजूदगी हो सकती है। इस पहाड़ पर कब्जा करने के लिए फोर्स रणनीति के साथ लगातार आगे बढ़ना शुरू कर चुकी है। फोर्स का संकल्प अभियान ऑपरेशन कररेगुट्टा लगातार नौ दिनों से चल रहा है और इसने अब निर्णायक मोड़ ले लिया है। जवानों की बहादुरी और सटीक योजना से नक्सलियों के गढ़ में सुरक्षा बलों ने गहरी पैठ बना ली है। अब तीसरी और अंतिम पहाड़ी कररेगुट्टा पर भी जल्द ही तिरंगा फहराने का संकल्प लेकर सुरक्षाबलों के जवानों ने कूच कर दिया है।
मनाया जीत का जश्न
बुधवार का दिन फोर्स के लिए काफी ऐतिहासिक रहा जब नक्सलियों के कब्जे से धोबे व नीलम सराय की पहाड़ी पर तिरंगा लहराया और जीत का जश्न मनाया। भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर्स की मदद से धोबे की पहाड़ियों पर जवानों को उतारा गया। सटीक रणनीति और अदम्य साहस के साथ जवानों ने पहाड़ी पर नक्सलियों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। जैसे ही नक्सलियों के कब्जे में रहे धोबे व नीलम सराय पोस्ट जवानों का कब्जा हुआ, तब जवानों का जोश देखते बन रहा था।