नेवई डैम में डूबने से एक 17 साल के किशोर की मौत हो गई। यह दुखद घटना छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की है, जहाँ बुधवार की रात एक नाबालिग के डूबने की सूचना के बाद राहत व बचाव कार्य चलाया गया। मृतक की पहचान अरविंद कोसले के रूप में हुई है, जो कि भिलाई के छावनी थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 24, कैंप 1 का निवासी था।
घटना की मुख्य जानकारी:
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घटना बुधवार रात की है।
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डूबने वाला किशोर अरविंद कोसले (17 वर्ष) था।
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घटना स्थल दुर्ग जिले के नेवई थाना क्षेत्र के नेवई डैम में है।
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शव को एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) की टीम ने कई घंटों की मशक्कत के बाद पानी से बाहर निकाला।
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नेवई पुलिस ने शव को मर्चुरी में रखवाया और मर्ग कायम कर जांच शुरू की है।
कौन था मृतक और कैसे पहुंचा डैम तक?
अरविंद कोसले एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखता था और वह भिलाई के कैंप 1 में रहता था। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह डैम तक कैसे पहुंचा और किन परिस्थितियों में डूबा। क्या वह डैम में नहाने गया था या फिर किसी अन्य वजह से वह पानी के करीब गया – यह सब अब जांच का विषय है।
पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें इस बात की जानकारी जुटाने में लगी हैं कि क्या वह किसी दोस्त के साथ गया था, क्या वहाँ और लोग मौजूद थे, या यह अकेली घटना थी।
रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी कहानी:
डूबने की सूचना मिलने के बाद एसडीआरएफ की टीम को तुरंत मौके पर रवाना किया गया।
एसडीआरएफ प्रभारी नागेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उन्हें सबसे पहले यह जानकारी मिली थी। इसके बाद उन्होंने टीम प्रभारी ईश्वर खरे के नेतृत्व में एक अनुभवी टीम को मौके पर भेजा।
इस टीम में शामिल थे:
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राजू महानंद
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भूपेंद्र सिंह
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थानेश्वर
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महेश गंधर्व
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दिलीप कुमार
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रमेश कुमार
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विनय यादव
टीम ने बिना समय गंवाए डाइविंग शुरू की। रात के अंधेरे और गहराई के बावजूद टीम ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार प्रयास करती रही। घंटों की मशक्कत और सावधानीपूर्वक तलाशी के बाद आखिरकार अरविंद का शव पानी से बाहर निकाला गया।
️♂️ पुलिस ने शुरू की जांच, लोगों से हो रही पूछताछ:
जैसे ही शव को डैम से बाहर निकाला गया, नेवई थाना पुलिस ने उसे अपने कब्जे में लेकर मर्चुरी में रखवा दिया। अब पुलिस ने मर्ग (आकस्मिक मृत्यु) कायम कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि:
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नाबालिग अकेला था या उसके साथ कोई और भी था?
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क्या यह कोई हादसा था या इसके पीछे कोई और वजह हो सकती है?
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क्या वहाँ आसपास मौजूद लोगों ने उसे डूबते हुए देखा था?
स्थानीय लोगों और परिवार के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है, ताकि घटना की सच्चाई सामने लाई जा सके।
सवाल जो खड़े हो रहे हैं:
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क्या डैम में सुरक्षा के कोई इंतजाम थे?
यदि डैम के आसपास कोई सुरक्षा गार्ड या चेतावनी बोर्ड होता, तो शायद यह हादसा टल सकता था। -
क्या किशोर तैरना जानता था?
यदि वह तैराकी में दक्ष नहीं था, तो उसे पानी में जाना ही नहीं चाहिए था। अक्सर किशोर उत्साह में खतरों को नजरअंदाज कर देते हैं। -
क्या किसी ने समय पर उसे बचाने की कोशिश की?
अगर मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत सहायता दी होती, तो शायद जान बच सकती थी।
जनता के लिए सावधानी और संदेश:
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डैम, नहर या नदी जैसे जलस्रोतों में बिना निगरानी या अनुमति के न जाएं।
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नाबालिगों को कभी भी अकेले या दोस्तों के साथ ऐसे स्थानों पर नहीं जाने देना चाहिए।
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स्थानीय प्रशासन को ऐसे खतरनाक स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाने चाहिए।
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जरूरी हो तो निगरानी के लिए CCTV कैमरे और सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएं।
परिवार में मातम, समाज में चिंता:
अरविंद कोसले के परिवार में इस घटना के बाद शोक की लहर है। एक हँसता-खेलता किशोर ऐसे अचानक इस दुनिया से चला जाएगा, किसी ने सोचा भी नहीं था। पड़ोसियों और स्थानीय लोगों के अनुसार, अरविंद मिलनसार और होशियार था। उसकी मौत से इलाके में दुख और चिंता का माहौल है।
समाप्ति विचार:
इस घटना ने एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारी लापरवाही या जागरूकता की कमी कैसे किसी मासूम की जान ले सकती है। ज़रूरी है कि हम डैम, नदी या जलाशयों के पास जाते समय पूरी सतर्कता बरतें और प्रशासन से भी अपेक्षा करते हैं कि वो ऐसे स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करे।
मुख्य बिंदु (Highlights):
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17 वर्षीय नाबालिग अरविंद कोसले की डूबने से मौत
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घटना दुर्ग जिले के नेवई डैम की
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एसडीआरएफ ने शव को घंटों की मशक्कत के बाद निकाला
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पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की
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परिवार और समाज में गहरा शोक
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प्रशासन से डैम क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था की मांग